1972 से 2005 तक की सही पेंशन अभी तक नहीं मिली-वीर नारी

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समाचार सच, हल्द्वानी। एक सैनिक पूरे देश को अपना परिवार समझता है और वक्त आने पर वह सीमा पर बस यही सोचकर शहीद हो जाता कि उसके जाने के बाद पूरा देश उसके परिवार का ख्याल रखेगा। लेकिन इसे देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि पति की शहादत से अधिक दुख एक वीर नारी को इस बात का है कि सरकार द्वारा देय पेंशन भी सही नहीं मिल पाई।

ज्ञात हो कि 3 दिसंबर 1971 को भारत-पाक युद्ध शुरू हुआ। पूर्वी सेक्टर में ऑपरेशन कैक्टस लिली चला जिसमें नायब सूबेदार शंकर दत्त की पल्टन ने भी सक्रिय भाग लिया। इसी युद्ध के दौरान भारत माता के इस वीर सपूत ने अपने प्राणों की आहुति दी और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से भी सम्मानित किया गया।

नायब सूबेदार शंकर दत्त का जन्म दिनांक 1 जुलाई 1936 को अल्मोड़ा जनपद के ग्राम सैज, लमगड़ा में हुआ था। इनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री बची राम जोशी था। अपने गांव के विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे 21 जून 1955 को सेना में भर्ती हो गए। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 4 कुमाऊं में भेजा गया। वहां जाकर उन्होंने अपनी छवि एक कर्मठ, अनुशासित और चुस्त सैनिक के रूप में बनाई। कम ही सेवा काल में उन्हें विदेश जाने का मौका मिला। 1966 में कुमाऊँ रेजीमेंट की कुछ नई पलटनें खोली गई तो उसमें नायब सूबेदार शंकर दत्त को 12 कुमाऊं में एक अच्छे प्रशिक्षक के रूप में भेजा गया था।

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उनकी वीर नारी श्रीमती गोविंदी देवी बताती हैं कि पति की शहादत के बाद सारी दुनिया सिमट सी गई। खैर जो होना था हो गया। मेरे पति राष्ट्र के काम आए। अन्य बहनों के सिंदूर की रक्षा के लिए मेरा सिंदूर नहीं बच पाया। उनका कहना है कि पति की शहादत से अधिक दुख इस बात का है कि सरकार द्वारा देय पेंशन भी सही नहीं मिल पाई। पूर्व जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी मेजर बी एस रौतेला के प्रयासों से वर्ष 2017 में मुझे 2006 से बाद की सही पेंशन तो मिली लेकिन 1972 से 2005 तक की सही पेंशन अभी तक नहीं मिल पाई है। हालांकि उन्होंने फिर सैनिक लीग के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मेजर बी एस रौतेला से संपर्क किया है और उन्होंने कहा है कि वे जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेंगे और सही पेंशन दिलवाने की कोशिश करेंगे।

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इतने लंबे समय से सही पेंशन का नहीं मिल पाना हमारे सिस्टम के बारे में बहुत कुछ कह देता है। सिस्टम के अलावा ये हर एक देशवासी का भी कर्तव्य है कि वो अपने शहीदों के परिवारों का ख्याल रखें।

समाचार सच परिवार नायब सूबेदार शंकर दत्त की शहादत को सलाम करता है और उनको नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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