समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। अमावस्या, जिसे नए चंद्रमा का आगमन माना जाता है, हिन्दू परंपरा में एक महत्वपूर्ण दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अमावस्या तिथि मनाई जाती है। अमावस्या के दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का भी बेहद महत्व है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन जातक स्नान-दान करने के बाद पितरों का तर्पण करते हैं। इसके साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपायों का अनुसरण करके आप अपने जीवन में शांति और समृद्धि की कोई ना कोई मानवीय समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
पितृ तर्पण
शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ तर्पण करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि इसके माध्यम से आप अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
व्रत और पूजा
शास्त्रों की मानें तो अमावस्या के दिन विशेष धार्मिक पूजा और व्रत करना शुभ माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने और व्रत रखने से कई शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
दान-पुण्य
अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जरूरतमंद को आहार, वस्त्र, या धन का दान जरूर करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक लाभ होता है।
तीर्थयात्रा
अमावस्या के दिन किसी पवित्र स्थल की तीर्थयात्रा करना बेहद ही शुभ माना जाता है। इस दिन तीर्थस्थल पर जाने से मन को शांति मिलती है। इसके साथ ही यह आत्मा को शुद्धि और शांति का अनुभव कराता है।
मौन व्रत
अमावस्या के दिन अपने आपको कुछ समय के लिए मौन व्रत में रहने का प्रयास करें। यह मानसिक शांति और आत्म-समर्पण में मदद कर सकता है।
मेधा यज्ञ
अमावस्या के दिन मेधा यज्ञ करना, जिसमें शिक्षा और ज्ञान को बढ़ावा देने का संकल्प हो, बहुत शुभ होता है।
ध्यान और प्राणायाम
आत्मा की ऊंचाइयों की प्राप्ति के लिए अमावस्या के दिन ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास जरूर करें। यह मानसिक शुद्धि में मदद कर सकता है।




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