विधायकों की सुविधा मामले पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बल्यूटिया बोले- जनता की छोड़ अपनी व अपने परिवार की चिन्ता में सरकार

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समाचार सच, हल्द्वानी। सदन में तदर्थ समिति की रिपोर्ट जिसमे वर्तमान व पूर्व विधायक और उनके आश्रितों को सरकारी खर्च पर विदेशों में इलाज के साथ कैशलेस इलाज तथा भत्तों में 30 हजार प्रतिमाह तक इजाफे की रिपोर्ट पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को आम जन की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। पहाड़ों में आए दिन स्वास्थ व्यवस्थाओं के चलते बेकसूर लोगों की जान जा रही है। चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल, बिजली, रोड सुरक्षा, महिला सुरक्षा आदि जनता का संवैधानिक अधिकार है जिसकी सरकार की जिम्मेदारी है। मगर सरकार हर मोर्चे में विफल रही है।

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता श्री बल्यूटिया ने गुरूवार को यहां अपने कैम्प कार्यालय से जारी बयान में कहा है कि उत्तराखण्ड की भोली- भाली जनता ने जिस सरकार व विधायकों को अपने ज़ख्म भरने के लिए चुना आज वही सरकार उनके घावों में मरहम लगाने की बजाय उनके घावों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। अपनी और अपने परिवार की चिंता में ऐसे निर्णय लेने को विवश है। उन्होंने कहा कि जहां सरकार ने सदन में उत्तराखण्ड में आम जनता को अच्छी व सस्ती चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक तकनीक व उपकरणों से सुसज्जित अस्पताल बनाने की बात रखनी चाहिये थी वहां सरकार अपनी व अपने आश्रितों की चिंता में विदेश में इलाज की बात सरकारी खर्च में कर रही है जिससे आम जनता ठगा महसूस कर रही है।

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श्री बल्यूटिया ने कहा बेहतर होता सरकार उत्तराखण्ड में स्वस्थ व्यवस्थाओं को इतना दूरस्त करती कि विदेशों से भी लोग यहाँ इलाज कराने आते। इससे प्रदेश की आय बढ़ती और उस आय से उत्तराखण्ड वासियों को अच्छा व सस्ता इलाज मिलता। उन्होंने कहा कि लोग विदेशों से भारत में दिल्ली, मुंबई, पंजाब आदि राज्यो में अच्छे व सस्ते इलाज के लिए आते है।

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बल्यूटिया ने कहा दुनिया के मुकाबले भारत के चिकित्सक ज्यादा काबिल हैं जरूरत है तो अस्पतालों को नई तकनीक की मशीनों से सुसज्जित करने, उनको सुरक्षा व सुविधा देने की। बजाय अस्पतालों को विकसित करने के विधायकों व उनके आश्रितों को विदेश में इलाज की सोच से पता चलता है कि सरकार के पास उत्तराखण्ड को लेकर कोई विजन नहीं है। उनका कहना है कि सरकार ने साफ कर दिया कि उत्तराखण्ड में स्वस्थ व्यवस्था ध्वस्त है आम जन मरती है तो मरे मगर मानानियों का इलाज विदेशों में होगा।

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