-पांच अप्रैल को 9 मिनट के लिए जलाएं मोमबत्ती, फ्लैशलाइट व टार्च: पीएम मोदी
-शुक्रवार को प्रातः 9 बजे किया देश की जनता से अपना वीडियों साझा, 14 दिन में तीसरी बार दिया संदेश
समाचार सच, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार प्रातः 9 बजे अपने संदेश में देश की जनता से एक बार फिर अपील करते हुए कहा कि वह इस रविवार यानी 5 अप्रैल को देशवासियों से नौ मिनट चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रात को नौ बजे, नौ मिनट तक लोग अपने घरों से बाहर आएं और दीया, टॉर्च या फिर मोमबत्ती जलाएं। प्रकाश की इस ताकत से हम कोरोना वायरस के अंधकार को एक साथ आकर मात देंगे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ देशव्यापी लॉकडाउन को आज नौ दिन हो रहे हैं। इस दौरान आप सभी ने जिस प्रकार अनुशासन और सेवा भाव का परिचय दिया। शासन-प्रशासन और जनता जनार्दन ने इस स्थिति को अच्छे तरीके से संभालने का काम किया है। उनका कहना था कि जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो भी आज सभी देशों के लिए मिसाल बन गया। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। जनता कर्फ्यू दुनिया के लिए मिसाल बना, जिससे ये साबित हुआ कि देश एकजुट होकर लड़ाई लड़ सकता है। देश की जनता ने इस चुनौतीपूर्ण समय में देश को इसकी सामूहिक शक्ति का एहसास कराएं, यह भाव प्रकट हुआ कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है। अब लगता है उनके समय में देश की आप सभी की यह सामूहिक का चरितार्थ होती नजर आ रही है। साथियों आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में तब किसी को भी लग सकता है कि वह अकेला क्या करेगा कुछ लोग यह भी सोच रहे होंगे इतनी बड़ी लड़ाई को अकेले कैसे लड़ पाएंगे, अभी मन में विचार आते होंगे और काटने पड़ेंगे जरूर है। हम अपने अपने घरों में जरूर हैं लेकिन हममें से कोई अकेला नहीं है।
उनका कहना था कि 130 करोड़ देशवासियों के सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ हर व्यक्ति का समय-समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति की विराटता इसकी भव्यता और आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां माना जाता है की जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप होती है, इसलिए इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का विराट स्वरूप का साक्षात करते रहना चाहिए। साक्षात्कार हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है और उसकी प्राप्ति के लिए ऊर्जा भी देता है, हमारा मार्ग और अधिक स्पष्ट करता है। साथियों को कोरोना महामारी से फैले अंधकार के बीच हमें निरंतर प्रकाश की ओर जाना है जो इस करो ना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित है। हमारे गरीब भाई वह उन्हें कोराना शंकर से पैदा भी निराशा से आशा की तरफ ले जाना है। कोरोना संकट से जो अंबिका और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त करके हमें उजाले और निश्चित करना है, इस अंधकार में करुणा संकट को पराजित करने के लिए हमें प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है, इसलिए इस रविवार को 5 अप्रैल हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है, उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है, इस 5 अप्रैल को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। आप घर की सभी लाइट बंद करके घर के दरवाजे पर या बालकनी खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती दिया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। उस समय यदि घर की सभी लाइट बंद करेंगे चारों तरफ जब हर व्यक्ति इस तरह प्रकाश करेगा। तब प्रकाश की उस महाशक्ति का एहसास होगा। जिसमें एक ही मकसद से हम सब लग रहे हैं यह उजागर होगा। उस प्रकाश में उस रोशनी में उजाले में हम अपने मन में यह संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं हम अकेले नहीं है कोई भी अकेला नहीं है।
उनका कहना था कि साथियों मेरी एक और प्रार्थना इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में गलियों में या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे व बालकानी में ही रहे। सोशल डिस्टेंस को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है। कोरोना की चेन तोड़ने का यही रामबाण इलाज है। इसलिए 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे कुछ पल अकेले बैठकर मां भारती का स्मरण कीजिए 130 करोड़ देशवासियों के चेहरों की कल्पना कीजिए।
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