पिठोरी अमावस्या के दिन किन – किन जगहों पर दीपक जलाना चाहिए

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या कहा जाता है। इसे पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जानते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि के देवता पितर हैं। इसलिए इस दिन श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस साल पिठोरी अमावस्या 22 अगस्त को मनाई जाएगी। अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपदान भी किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है। जानें पिठोरी अमावस्या के किन जगहों पर दीपक जलाना चाहिए।

पितरों की तस्वीर के सामने
पिठोरी अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद पितरों की तस्वीर के सामने दीपक जलाना चाहिए और भोग लगाते हुए परिवार की मंगल कामना की प्रार्थना करनी चाहिए। मान्यता है कि इन उपायों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

पीपल के पेड़ के सामने
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना गया है। पिठोरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए और पेड़ की परिक्रमा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक परेशानी दूर होती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।

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मुख्य द्वार पर
पिठोरी अमावस्या के दिन मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ माना गया है। मान्यता है कि प्रतिदिन ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का घर में संचार होता है। परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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