समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। 30 मई को सुनाए गए इस ऐतिहासिक फैसले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह वही मामला है जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। ANKITA BHANDARI MURDER CASE


फैसले के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंकिता पहाड़ की बेटी थी। जिस दिन ये वीभत्स घटना सामने आई, उसी दिन हमने ठाना था कि हमारी सरकार उसे न्याय दिलाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि तत्काल पुलिस और जांच एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए गए, और महिला आईपीएस अधिकारी की अगुवाई में एसआईटी गठित कर साक्ष्य जुटाए गए। निष्पक्ष और प्रभावशाली जांच के चलते आरोपी जमानत तक नहीं ले सके।
सीएम धामी ने भावुक होकर कहा कि हम अंकिता को वापस नहीं ला सकते, लेकिन उसे न्याय जरूर दिलाया। ये फैसला बताता है कि अपराधी चाहे कोई भी हो, कानून से ऊपर नहीं है। देवभूमि में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि परिजनों की मांग पर अभियोजन अधिकारी नियुक्त किए गए और सरकार लगातार परिवार के संपर्क में रही। तीन साल से कम समय में आए इस फैसले से समाज में एक मजबूत संदेश गया है।




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