पंचायतराज विभाग ने गढ़ी मयचक ग्रामसभा के पूर्व प्रधान को सरकारी धन के दुरुपयोग का दोषी पाया

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समाचार सच, ऋषिकेश। पंचायतराज विभाग ने गढ़ी मयचक ग्रामसभा के पूर्व प्रधान जयेंद्रपाल सिंह रावत को सरकारी धन के दुरुपयोग का दोषी पाया है। उन पर करीब 24 लाख रुपये की सरकारी धनराशि के दुरुपयोग का आरोप है। रकम की रिकवरी के लिए अब जिला पंचायत राज अधिकारी ने नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया है। ऐसा न करने पर पंचायतराज अधिनियम के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। दरअसल, गढ़ी मयचक ग्रामसभा के दो लोग ने जिलाधिकारी देहरादून से ग्रामसभा में निर्माण कार्यों व स्ट्रीट लाइट लगाने में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी।

मामले का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए, जिस पर पंचायती राज विभाग की टीम ने इस मामले की विस्तृत जांच की। जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार के मुताबिक गढ़ी मयचक ग्रामसभा में वर्ष 2017-19 के बीच लगी स्ट्रीट लाइट की खरीद की जांच में यह पता चला कि खरीद में उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2008 और संशोधित 2015 व 2017 का अनुपालन नहीं किया गया। आरोप है कि इस मामले करीब 7.87 लाख रुपये की सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया गया। वहीं दूसरी ओर गढ़ी मयचक ग्रामसभा में निर्माण कार्यों के लिए खरीदी गई सामग्री के बिलों पर टिन नंबर टीम को नहीं मिले। जांच में संबंधित कार्यदायी संस्थाओं का पंजीकरण भी वैध नहीं पाया गया। इस मामले में पूर्व प्रधान पर करीब 16.41 लाख रुपये की सरकारी रकम के दुरुपयोग का आरोप है।दोनों मामलों में जिला पंचायत राज अधिकारी ने पूर्व प्रधान जयेद्रपाल ङ्क्षसह रावत को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा गया कि उक्त धनराशि वसूल की जाएगी। 15 दिनों के भीतर नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पंचायती राज अधिनियम 2016 के तहत पूर्व प्रधान पर कार्रवाई भी की जा सकती है।

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