
समाचार सच, देहरादून/नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के दो प्रमुख तीर्थ स्थलों केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए विशाल रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की यात्रा अधिक सुगम और सुरक्षित होगी, साथ ही राज्य में पर्यटन को भी नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इन परियोजनाओं के लिए 6,811 करोड़ के निवेश को मंजूरी दी गई।


केदारनाथ रोपवेः 12.9 किलोमीटर की दूरी अब सिर्फ 60 मिनट में
केदारनाथ के लिए 12.9 किमी लंबा रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनाया जाएगा। 4,081 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना को राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत लागू किया जाएगा।
-वर्तमान में इस यात्रा में 6-7 घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे बनने के बाद तीर्थयात्री मात्र 1 घंटे में सोनप्रयाग से केदारनाथ पहुंच सकेंगे।
-यह रोपवे हर घंटे 3,600 यात्रियों को सफर कराने में सक्षम होगा, जिससे केदारनाथ यात्रा पहले से कहीं अधिक आसान हो जाएगी।
हेमकुंड साहिब रोपवेः 12.4 किमी की यात्रा अब मात्र 45 मिनट में
हेमकुंड साहिब के लिए 12.4 किमी लंबा रोपवे गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक बनाया जाएगा, जिसकी कुल लागत 2,730 करोड़ होगी।
-वर्तमान में श्रद्धालुओं को गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12 घंटे पैदल यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन रोपवे बनने के बाद यह सफर सिर्फ 45 मिनट में पूरा हो सकेगा।
-यह परियोजना फूलों की घाटी (वैली ऑफ फ्लावर्स) जाने वाले पर्यटकों के लिए भी लाभकारी होगी, क्योंकि घांघरिया इस क्षेत्र का प्रवेश द्वार है।
उत्तराखंड में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
इन रोपवे परियोजनाओं से उत्तराखंड में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा अधिक आरामदायक और सुरक्षित होगी। सरकार का मानना है कि ये परियोजनाएं पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।




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