जोशीमठ भू-धंसाव को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज

खबर शेयर करें

Plea seeking to declare Joshimath landslide as national disaster rejected

Ad Ad

समाचार सच, नई दिल्ली (एजेन्सी)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जोशीमठ भू-धंसाव मामले में केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी कि वह उत्तराखंड हाईकोर्ट जा सकता है और वहां इस आपदा को श्राष्ट्रीय आपदाश् घोषित करने की मांग कर सकता है। इसी के साथ सर्वाेच्च न्यायालय ने केंद्र की ओर से जोशीमठ में प्रभावित लोगों को राहत मुहैया कराने की मांग को भी नकार दिया। साथ ही मामले में दखल से भी इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर करने की छूट दी।

यह भी पढ़ें -   उत्तराखण्ड के इस शहर में स्पा की आड़ में चला रहा था जिस्मफरोशी धंधा, पुलिस की छापेमारी में 4 गिरफ्तार, 8 युवतियां रेस्क्यू

याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शीर्ष अदालत में अपील करते हुए कहा था कि मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है और इस संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। जिस पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मंगलवार यानी आज की तारीख दी थी लेकिन अब अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि जोशीमठ में आज जो भी हो रहा है वह खनन, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं का निर्माण और उसके लिए किए जा रहे ब्लास्ट के चलते हो रहा है। यह बड़ी आपदा का संकेत है। कहा कि नगर में लंबे समय से भू-धंसाव हो रहा है। लोग इसको लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इसका खामियाजा आज एक एतिहासिक, पौराणिक व सांस्कृतिक नगर और वहां रहने वाले लोग झेल रहे हैं जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक सैकड़ों भवन चिह्नित किए जा चुके हैं।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440