-प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनाने पर दिया जोर
-कोरोना संकट के सामने थकना, हारना, झुकना मंजूर नहीं: मोदी
समाचार सच, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संदेश के दौरान बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा।
साथियों हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाए की। जो आरबीआई के फैसले थे आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है उसे जोड़ दे तो यह करीब 20 लाख करोड़ रुपये का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। देश के विभिन्न वर्गों को, आर्थिक व्यवस्था को 20 लाख करोड़ रुपये का संबल मिलेगा।
यह पैकेज 2020 में विकास यात्रा को 20 लाख 2020 में आत्म निर्भर भारत अभियान को एक नई गति देगा। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने केलिए इस पैकेज में लैंड लेबर लिक्विडिटी और लॉ ,सभी पर बल दिया गया है। ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, लघु एंव मझोले उद्योग के लिए है। जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं। जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का आधार है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन का चौथा चरण नए रंग रूप वाला होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह से नए रंगरूप वाला होगा। नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी 18 मई से पहले दी जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि लॉकडाउन 4.0 पहले से बिल्कुल अलग और नए नियमों वाला होगा। मोदी ने कहा, वैज्ञानिक बताते हैं कि कोरोना लंबे समय तक हमारी जिंदगी का हिस्सा बना रहेगा, लेकिन हम अपनी जिंदगी को इस हद तक ही नहीं सिमटने देंगे। हम मास्क पहनेंगे और दो गज दूरी का पालन करेंगे, लेकिन लक्ष्यों को प्रभावित नहीं होने देंगे। नियमों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे भी, आगे भी बढ़ेंगे।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि ये क्राइसिस अभूतपूर्व है लेकिन थकना, हारना टूटना बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए अबहमें बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। आज जब दुनिया संकट में हैं। तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियों हम पिछली शताब्दी से ही लगातार सुनते आए हैं कि 21वीं सदी हिंदुस्तान की है। हमें कोरोना से पहले की दुनिया को, वैश्विक व्यवस्थाओं को विस्तार से देखने समझने का मौका मिला है। कोरोना संकट केबाद भी दुनिया में जो स्थितियां बन रही है।
उसे भी हम निरंतर देख रहे हैं जब हम दोनों कालखंडों को बभारत के नजरिये से देख रहे हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो ये हमारा सपना ही नहीं हम सभी की जिम्मेदारी भी है। इसका मार्ग क्या हो विश्व की स्थिति यह दिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है। आत्म निर्भर भारत। हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है। यानि यहीं रास्ता है। आत्म निर्भर भारत।
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