कवयित्री इंदू की होली गीत संग्रह खेलो अबीर गुलाल का विमोचन

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विमोचन समारोह के दौरान आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को खूब गुदगुदाया

समाचार सच, हल्द्वानी। काव्य रत्नम संस्था के तत्वावधान में खंडेलवाल भवन में कवयित्री इन्द्रा तिवारी इंदू के होली गीत संग्रह खेलो अबीर गुलाल का विमोचन हुआ। विमोचन मुख्य अतिथि समाजसेवी श्रीकांत खंडेलवाल, हास्य कवि राजकुमार भंडारी, काव्य रत्नम संस्था के अध्यक्ष अशोक वाष्णेय और व्यंग्यकार कार वेद प्रकाश अंकुर ने किया। इस अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन भी हुआ जिसमें कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।

इससे पूर्व इंदिरा तिवारी इंदू का कविता संग्रह मोती अंतर्मन के भी प्रकाशित हो चुका है। उन्होंने कविता करते हुए कहा -आज मेरी कलम ने धोखा दे दिया जब सुना कि भारत माता का लाल सीमा पर शहीद हो गया।
हास्य कवि राजकुमार भंडारी ने कविता पढ़ी-
कौवा बोला खुद तो काजू और बादाम खा रहे हो।
हमें वर्षों से घुघुते की माला ही खिला रहे हो।

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अशोक वाष्णेय कवि मित्र की कविता थी-
कुदरत ने दिखाया रंग
तो विकास पानी पानी हो गया।

व्यंग कार वेद प्रकाश अंकुर ने कहा-
आम आदमी को तो सिर्फ सूखी सूखी धौंस है।
क्योंकि आजकल जिसकी लाठी उसकी भैंस है।

सत्यदेव आर्य की कविता थी-
स्कूलों में अब वह पहली जैसी बात कहां।
टीचर और स्टूडेंट ओं का अब साथ कहां।

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हेमंत डोभाल हेमू ने कहा-
कम नहीं देखिए बेटों से अब बेटियां।
नाम रोशन कर रही मां बाप का बेटियां।

इसके अलावा सुनीता भटनागर, दिव्य प्रकाश, दिव्यम तिवारी, संस्कृति देवी ने भी कविता पाठ किया।
राजकुमार भंडारी के संचालन में हुए इस विमोचन समारोह की अध्यक्षता अशोक वार्ष्णेय ने की। मुख्य अतिथि श्रीकांत खंडेलवाल दिनेश चंद्र उपाध्याय ने सभी कवियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर माया उपाध्याय राधा बिष्ट सीना बोरा पूनम वर्मा आदि मौजूद रहे।

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