समाचार सच, देहरादून। पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में अब पालीथिन कैरीबैग के साथ ही प्लास्टिक, थर्मोकोल और स्टायरोफोम से बने सिंगल यूज उत्पादों के उपयोग, उत्पादन और बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई है। कैबिनेट के फैसले के क्रम में शासन ने इस सिलसिले में अधिसूचना जारी कर दी। इसमें साफ किया गया है कि तय नियमों के उल्लंघन की दशा में सौ से लेकर पांच लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। यदि कोई दूसरी बार उल्लंघन करता है तो ऐसे मामलों में दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा। दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन और जुर्माना आरोपित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर अधिकारी नामित किए गए हैं। प्लास्टिक, थर्मोकोल और स्टायरोफोम से बनी डिस्पोजेबल कटलरी, प्लेट, ट्रे, कटोरे, कप, गिलास, चम्मच, कांटा, स्ट्रा, चाकू जैसे सिंगल यूज उत्पादों का उत्तराखंड में भी बेतहाशा उपयोग हो रहा है। इससे यहां का पारिस्थितिकीय तंत्र प्रभावित हो रहा है। एक बार उपयोग के बाद यहां-वहां फेंके जाने वाले प्लास्टिक कचरे के कारण शहरों में सीवरेज सिस्टम, नालियां चोक हो रही हैं। हालांकि, पूर्व में 40 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक-पालीथिन को प्रतिबंधित किया गया था, मगर कोरोनाकाल के दौरान इसके नियमों में शिथिलता प्रदान की गई थी। अब प्लास्टिक अपशिष्ट और माइक्रो प्लास्टिक के लगातार बढ़ते खतरों को देखते हुए सरकार ने राज्य में प्लास्टिक, थर्मोकोल व स्टायरोफोम के किसी भी आकार, मोटाई, माप व रंग के सिंगल यूज उत्पादों को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। बीती 30 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। मंगलवार को प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आनंद बद्र्धन की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। इसके मुताबिक पालीथिन कैरीबैग, प्लास्टिक, थर्मोकोल व स्टायरोफोम से बने सिंगल यूज उत्पाद, पैकेजिंग कंटेनर आदि के उपयोग, क्रय-विक्रय, उत्पादन, आयात, भंडारण पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना वसूला जाएगा। यदि कोई व्यक्ति पॉलीथिन, प्लास्टिक बैग का उपयोग करता है तो उससे 100 रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इसी तरह खुदरा बिक्री पर एक लाख, परिवहन पर दो लाख और उत्पादन पर पांच लाख रुपये के जुर्माने का प्रविधान किया गया है। प्रतिबंधों के क्रियान्वयन और जुर्माना आरोपित करने को तहसीलदार, दारोगा, सेनेट्री सुपरवाइजर, रेंज अधिकारी, संयुक्त आयुक्त टैक्स व परिवहन, पीसीबी के सहायक अभियंता स्तर के अधिकारी नामित किए गए हैं। अधिसूचना के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जानते हुए या अन्यथा की दशा में सार्वजनिक स्थल पर किसी भी प्रकार के प्लास्टिक को नहीं फेंकेगा। धार्मिक स्थलों, संस्थानों, सिनेमाघरों, होटल, माल, रेस्तरां, कैफे, मोबाइल फूड काउंटर या वैन कैटरर्स के साथ ही शादी या पार्टी हाल, दफ्तर व संस्थान अथवा आउटडोर इवेंट के स्वामी सिंगल यूज प्लास्टिक से संबंधित प्रतिबंधों का कड़ाई से अनुपालन कराएंगे। उनके द्वारा जनित प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रीकरण के पश्चात उसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकृत रिसाइक्लिर्स को पुनर्चक्रण के लिए भेजा जाएगा। बोतलबंद पानी व शीतल पेय की पालीइथायलीन टरेफ्थलेट बोतलों के उत्पादकर्ता खुदरा बिक्री नेटवर्क के जरिये खाली बोतलें वापस लेंगे या फिर उनके उत्पाद से जनित प्लास्टिक अपशिष्ट के एकत्रण, परिवहन व सुरक्षित निस्तारण के लिए स्थानीय निकायों द्वारा किए गए खर्च का भुगतान करेंगे। प्लास्टिक, थर्मोकोल व स्टायरोफोम के सिंगल यूज उत्पाद बनाने वाली इकाइयों को छह माह के भीतर उत्पादन बंद करना होगा। विभिन्न उत्पादों की पैकिंग पर आने वाले प्लास्टिक, थर्मोकोल का डिस्पोजल संबंधित कंपनियों के माध्यम से कराया जाएगा। अधिसूचना के अनुसार जैव चिकित्सा अपशिष्ट, नगरीय ठोस अपशिष्ट और खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन में उपयोग में लाए जाने वाले बायो कंपोस्टेबल प्लास्टिक बैग और 50 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले प्लास्टिक बैग पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।




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