
समाचार सच, हल्द्वानी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की गहमागहमी के बीच रामड़ी आनसिंह पनियाली सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य पद की प्रत्याशी बनीं उमा निगल्टिया की जोरदार एंट्री ने समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। उनके समर्थन में उमड़ा जनसैलाब इस बात का संकेत दे रहा है कि इस बार जनता वोट विकास, ईमानदारी और समाजसेवा के नाम पर देगी, न कि पैसे और झूठे वादों के बहकावे में।


जनता में जागी उम्मीद, उमा के वादों को मिल रहा भरपूर समर्थन
चुनावी रणभूमि में इन दिनों उमा निगल्टिया घर-घर जाकर प्रचार अभियान में जुटी हैं। बुजुर्गों से आशीर्वाद लेतीं, मातृशक्ति और युवाओं से संवाद करतीं उमा जनता को अपने विकास के विजन से परिचित करवा रही हैं। उनका साफ कहना है कि वे बिना किसी भेदभाव के हर गांव, हर व्यक्ति के विकास के लिए समर्पित रहेंगी।
उमा का कहना है कि जीतने के बाद वह क्षेत्र की सड़क, सोलर लाइट, पेयजल, लावारिस पशुओं की समस्या, नशे से जूझते युवाओं की दिशा-दर्शना जैसी मूलभूत समस्याओं पर प्राथमिकता से काम करेंगी। यही कारण है कि गांव-गांव में उमा को मिल रहे समर्थन ने चुनाव को नया मोड़ दे दिया है।
शंकाओं में फंसे विरोधी, जनता कह रही- अबकी बार बदलाव तय है
जहां अन्य प्रत्याशियों को लेकर जनता में असमंजस है, वहीं उमा निगल्टिया का नामांकन और लगातार चुनावी सक्रियता ने उन्हें एक सशक्त और स्थायी विकल्प के रूप में स्थापित कर दिया है। लोगों का कहना है कि बीते पांच वर्षों में क्षेत्र का विकास ठप रहा, ऐसे में अब बदलाव जरूरी है।
निगल्टिया परिवारः समाजसेवा की मिसाल, राजनीति में ईमानदारी का चेहरा
उमा निगल्टिया की सबसे बड़ी ताकत उनका समाजसेवी परिवार है। उनके पति लाखन निगल्टिया पूर्व में ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं, जिनकी कार्यशैली और जनसेवा आज भी ग्रामीणों के जेहन में बसी है। गांवों में लगे विकास कार्यों के बोर्ड इस बात के गवाह हैं कि लाखन ने हमेशा जनता के हित में काम किया।
लाखन के बड़े भाई सुरेन्द्र निगल्टिया भी कुरिया गांव के प्रधान रह चुके हैं और पूरे परिवार की समाजसेवा की छवि साफ दिखती है। साथ ही यूकेडी नेता डॉ. नारायण सिंह जंतवाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख राम सिंह जंतवाल और लाल सिंह क्वीरा जैसे कद्दावर नेताओं से भी निगल्टिया परिवार के अच्छे संबंध हैं, जो राजनीतिक स्तर पर भी मजबूती का संकेत देते हैं।
जनता का मूड साफः अबकी बार निगल्टिया परिवार की बहू को जिम्मेदारी सौंपने का मन
ग्रामीण कह रहे हैं कि इस बार वे जाति, पार्टी या पैसे से प्रभावित होकर नहीं, बल्कि विकास और सेवाभाव के आधार पर वोट करेंगे। ऐसे में उमा निगल्टिया की जीत की संभावना मजबूत मानी जा रही है।
अब देखना यह है कि 28 जुलाई को मतपेटियों में बंद होगा जनता का फैसला, और 31 जुलाई को तय होगा कि जनता ने किसे पहनाया है जीत का सेहरा। लेकिन फिलहाल, रामड़ी आनसिंह पनियाली की हवा समाजसेवी निगल्टिया परिवार की बहू उमा निगल्टिया के साथ बहती साफ दिख रही है।


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