पुष्य नक्षत्र: गुरु पुष्य योग पर 12 साल बाद बना खास संयोग, जानें शुभ मुर्हूत और खरीदारी का समय

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Pushya Nakshatra: Special coincidence after 12 years on Guru Pushya Yoga, know auspicious time and shopping time

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। रामकुमार नायक, महासमुंद. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार 27 अप्रैल को पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। संयोग की बात यह है कि 12 साल के बाद गुरु का मेष राशि में आगमन हो रहा है और इसी राशि में गुरु उदित भी हो रहे हैं। ऐसे में गुरु पुष्य योग का संयोग बनना, इस शुभ दिन पर चार चांद लगा रहा है। ऐसे में 27 अप्रैल को बना रहा है यह संयोग अक्षय तृतीया के समान लाभकारी होगा।

ऐसे करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु उदित के दिन बन रहे शुभ संयोग में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। ऐसा करने से नौकरी व व्यापार में उन्नति के योग बनते हैं और आयु, आरोग्य, समृद्धि, भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है। इन शुभ संयोग में लक्ष्मी नारायण की दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल आदि चीजों के साथ पंचामृत से स्नान कराकर पूजा-पाठ करना चाहिए।

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क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्र बताए गए हैं। जिसमे से सभी नक्षत्र अपने अपने इष्ट हैं। अपने अपने देवता हैं. जिसमे से पुष्य नक्षत्र हर पुनर्वसु नक्षत्र के बाद आता है। जिस दिन यह पुष्य नक्षत्र पड़ता है यदि वह गुरुवार को पड़े तो गुरु पुष्य अमृत योग बनता है। रविवार को पड़े तो रवि पुष्य अमृत योग बनता है।

  • इस वर्ष 27 अप्रैल को गुरु पुष्य अमृत योग का संयोग बहुत ही सुंदर बन रहा है। जो कि प्रातः काल 6 बजकर 59 मिनट से अर्थात 7 बजे से प्रारंभ होकर पूरे दिन पर्यंत रहेगा।
  • इस दिन ग्रह गोचर की स्थिति बहुत अच्छी बन रही है. शनिदेव अपनी ही कुंभ राशि में विराजमान हैं। चंद्र देव अपनी ही कर्क राशि में विराजमान हैं। सूर्य अपने उच्च ग्रह के राशि मेष में है। इस तरह से ग्रह की स्थिति परिस्थिति बहुत ही बढ़िया है। जो कि हर कार्य के लिए हर पूजन अनुष्ठान के लिए हर तरह की शुभ कार्य के लिए बहुत अच्छा दिन है।
  • गुरु पुष्य अमृत योग और रवि पुष्य अमृत योग को केवल खरीदारी से जोड़कर नहीं देख सकते। इस दिन कोई भी अनुष्ठान, शुभ कार्य इस दिन करने से उनकी शुभता बढ़ती है। (साभार: निखिल वर्मा)
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