हल्द्वानी में मामा मारीच की मदद से रावण ने किया सीता का हरण

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समाचार सच, हल्द्वानी। सोमवार को यहां प्राचीन श्री रामलीला कमेटी में दिन की लीला में सूर्पनखा रावण संवाद, मारीच रावण संवाद, सीता हरण, जटायु उद्धार तथा सीता खोज की लीला का सुंदर प्रदर्शन किया गया। जबकि रात्रि लीला में राज्याभिषेक घोषणा, दशरथ कैकई संवाद, राम वनागमान, केवट संवाद का मंचन श्री राधा रसिक बिहारी लीला संस्थान वृंदावन के व्यास जानकी दास द्वारा किया गया।

दिन में लीला मंचन करते हुए दिखाया कि रावण कपटतापूर्वक अपने मामा मारीच को एक हिरण बनाकर पंचवटी भेजता है। उसे खोजने के लिए सीता रामचंद्र को भेजती है। वहीं कपटी हिरण बचाओ बचाओ की आवाज लगाता है, तो सीता को लगता है कि भगवान राम किसी संकट में है। जिस पर सीता लक्ष्मण को भगवान राम की मदद के लिए कहती है। लक्ष्मण उन्हें बार-बार समझाते है कि यह कोई चाल है। भगवान किसी संकट में नही आ सकते। परंतु सीता नहीं मानती। तब लक्ष्मण एक लक्ष्मण रेखा खींचकर भगवान राम की खोज में निकल जाते है। इस बीच साधु का भेष बदलकर रावण पंचवटी में भिक्षा मांगने आता है, जिस पर सीता लक्ष्मण रेखा से बाहर आकर रावण को भिक्षा देती है, तो रावण सीता का हरण कर पुष्पक विमान में अपनी अशोक वाटिका में ले जाता है। जब राम लक्ष्मण वापस पंचवटी आते है तो सीता को न पाकर अत्यंत दुखी व परेशान होते है। वहीं रावण के रास्ते में जब जटायु आता है तो रावण जटायु का संवाद होता है और रावण जटायु को घायल कर देता है। जब राम लक्ष्मण सीता को खोज रहे होते है तो रास्ते में उन्हें जटायु नामक पक्षी मिलता है, जो उन्हें सारा वृतांत बताता है। इस पर राम जटायु का उद्धार करते है। लीला के अतिथिगणों में मुख्य रूप से दर्जा राज्य मंत्री भुवन हरबोला तथा दिनेश आर्या शामिल रहे।

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