देश में आज तक नहीं हुई किसी भी महिला को फांसी की सजा
समाचार सच, मथुरा (यूपी)। आजादी के बाद पहली बार किसी महिला की फांसी होने जा रही है। हालांकि अभी शबनम का डेथ वॉरंट जारी नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि शबनम की फांसी की फरमान कभी भी आ सकता है। बता दें कि मथुरा में ही महिला का फांसीघर है। यहां तैयारियां जारी हैं। अभी तक इस फांसी को लेकर संशय बना हुआ है। मथुरा जेल में सरगर्मियां तेज हैं। मथुरा जेल में 1870 में इस फांसीघर को बनाया गया था। अंग्रेजों ने इस फांसीघर को बनाया था। मथुरा के फांसीघर में दशकों से कोई फांसी नहीं हुई है इसलिए इसकी हालत खराब हो गई है। 23 साल पहले मथुरा की जेल में अप्रैल 1998 में एक महिला को फांसी की सजा दी गई थी लेकिन बाद में राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका स्वीकर कर ली और उसकी सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी। तब से आज तक किसी महिला को फांसी की सजा नहीं सुनाई गई है।
कैसे हो रही फांसी की तैयारी?
मथुरा प्रशासन फांसीघर की कमियों को दूर करने में लगा है। पवन जल्लाद फांसीघर का जायजा लेने गए थे और कमियों के बारे में प्रशासन को सूचित कर चुके हैं। जिसे फांसी होती है उसके लिए भी जेल में कुछ नियम होते हैं। जिसे फांसी दी जानी होती है उसे पहले सुरक्षा में तन्हाई में रखा जाता है। इस जगह से फांसीघर की दूरी लगभग 200 मीटर है। शबनम की फांसी की तारीख नहीं तय है लेकिन तैयारियों जोरों पर हैं।
क्या है अपराध?
14 अप्रैल 2008 को अमरोहा के बावनखेड़ी में शबनम ने अपने परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी थी। शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने ही परिवार के खाने में जहर मिला दिया था। आधी रात शबनम ने कुल्हाड़ी गला काटकर अपने माता पिता, भाई, भाभी और बुआ की लड़की की हत्या कर दी थी। उसने अपने 11 महीने के भतीजे को भी मार दिया था। हत्या के बाद शबनम पुलिस को भी गुमराह कर रही थी। शबनम के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सहायता राशि की भी घोषणा कर दी थी। बाद में शबनम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
नहीं जारी हो सका डेथ वॉरंट, राज्यपाल के पास याचिका लंबित होने से फंसा पेच
अमरोहा में अपने परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी शबनम को फांसी देने की तैयारी पूरी हो गई है। हालांकि शबनम की दया याचिका राजभवन में लंबित है, जिसके कारण अब तक उसका डेथ वॉरंट जारी नहीं हो सका है।
रामपुर जेल में कैद शबनम को फांसी कब होगी, अभी इसपर फैसला नहीं हो सका है। शबनम को फांसी दिए जाने के लिए मथुरा की जेल में सारी तैयारी तो कर ली गई है, लेकिन अभी डेथ वॉरंट जारी ना होने के कारण उसे फांसी नहीं दी जा सकी है। शबनम को फांसी देने के लिए सरकारी वकील की ओर से मथुरा के जिला जज के पास डेथ वॉरंट जारी करने की मांग रखी गई थी। हालांकि राजभवन में शबनम की दया याचिका लंबित होने के कारण जज ने वॉरंट जारी करने से मना कर दिया। जेल में बंद शबनम को कब फांसी होगी ये तो अभी तय नहीं है।
शबनम ने की सीबीआई से जांच कराने की मांग
जेल में शबनम से मिलने उसका बेटा और उसके केयर टेकर उस्मान पहुंचे। दोनों के बीच लगभग एक घंटे मुलाकात चली। ताज अपनी मां से मिलने जेल पहुंचा। उसने अपनी मां से पहली बार पूछा क्या यह गुनाह आपने किया है तो उसने कहा कि उसे फंसाया गया है। वो पहले भी कोर्ट में इसकी जांच की मांग करती रही है, लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं की गई है। बेटे को देखकर शबनम भावुक हो गई। उसने कहा कि बेटा खूब मन लगाकर पढ़ना। बेटे के केयर टेकर उस्मान ने कहा कि अगर शबनम ने ये गुनाह किया है तो उसे बिल्कुल भी बचाना नहीं चाहिए। एक बार शबनम को मीडिया से बात करने की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि शबनम ने इस मामले में सीबीआई की जांच की मांग की है।

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