समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा और आराधना की जाती है। शारदीय नवरात्रि में भक्तजन व्रत भी रखते हैं। नवरात्रि में भक्तजन कलश स्थापना करते हैं और घर में देवी दुर्गा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025, सोमवार से आरंभ हो रही है। इस बार नवरात्रि पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्रि 10 दिन की हैं। ये अद्भुत संयोग लगभग 9 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की हुई थी। दरअसल इस बार चतुर्थी तिथि का मान दो दिन रहेगा, इसलिए इस बार नवरात्र 10 दिन के होंगे।
घटस्थापना के लिए 2 मुहूर्त शुभ-
घटस्थापना मुहूर्त – 06.27 ए एम से 08.16 ए एम
अवधि – 01 घण्टा 48 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 12.07 पी एम से 12.55 पी एम
अवधि – 48 मिनट
घटस्थापना विधि और सामग्री-
नवरात्रि में घटस्थापना के लिए आपको सबसे पहले एक कलश लेना है, जिसे साफ पानी और गंगाजल से भरें। कलश के अंदर थोड़ी मिट्टी, जौ के दाने, पांच आम या अशोक के पत्ते और नारियल रखें। इसके ऊपर लाल कपड़े में लपेटा नारियल रखकर मौली बांधें। कलश के चारों ओर फूल, अक्षत, हल्दी, लौंग, इलायची, सुपारी, कपूर और दीपक सजाएं। फिर घर के मुख्य स्थान पर चौकी पर कलश स्थापित करें और माता की फोटो या मूर्ति रखें।
नवरात्रि पूजा विधि
सबसे पहले सुबह स्नान करें। इसके बाद घर के पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ और व्यवस्थित करें। गंगाजल का छिड़काव करें। पूजा स्थल की शुद्धि के बाद मां दुर्गा का अभिषेक करें। अभिषेक में गंगाजल, दूध, दही, शहद और जल का प्रयोग करें। अभिषेक करने से न केवल देवी प्रसन्न होती हैं, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और मानसिक स्थिरता भी आती है। अभिषेक के पश्चात मां दुर्गा को अर्घ्य अर्पित करें। इसके साथ ही अक्षत (साबुत चावल), पुष्प और सिंदूर अर्पित करें। अक्षत को देवी के चरणों में डालना शुभ माना जाता है और यह लंबी आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। फूल अर्पित करने से वातावरण में सौंदर्य और शांति आती है, जबकि सिंदूर देवी की शक्ति और स्थायित्व का प्रतीक है। इसके बाद नवरात्रि के दौरान नवरात्रि कथा या देवी चालीसा का पाठ करें। कथा और चालीसा के पाठ से मन का ध्यान देवी की ओर केंद्रित होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके बाद दीप और धूप के साथ आरती करें। अंत में मां को भोग अर्पित किया जाता है। भोग में सात्विक फल, मिठाई या हलवा शामिल होता है। भोग अर्पित करने के बाद इसे परिवार के सभी सदस्यों में वितरित किया जाता है।
नवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट- गंगाजल, सुपारी, मौली, रोली, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, सिक्का, लाल कपड़ा, फूल, फूल माला, इलायची, लौंग, कपूर, अक्षत, हल्दी।

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