समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। भगवान शिव को सृष्टि का संहारक माना जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा का पाठ जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इतना ही नहीं, जीवन में सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि शिव चालीसा के पाठ से कठिन से कठिन कार्य को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। शिव चालीसा की 40 पंक्तियां सरल शब्दों में विद्यमान है जिनकी महिमा बहुत ही ज्यादा है।
शिव चालीसा के नियम
शिव चालीसा में भगवान शिव का स्तुतिगान किया गया है. शिव चालीसा किसी भी दिन किया जा सकता है। लेकिन शास्त्रों में सोमवार के दिन भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
शिव चालीसा के पाठ की सरल विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- अपना मुंह पूर्व दिशा में रखें और कुशा के आसन पर बैठे।
- पूजन में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप पीले फूलों की माला रखें।
- संभव हो तो सफेद आक के 11 फूल भी रखे और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
- पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक लोटे में शुद्ध जल भरकर रखें।
- भगवान शिव की शिवचालिसा का तीन या पांच बार पाठ करें।
- शिव चालीसा का पाठ बोल बोलकर करें जितने लोगों को यह सुनाई देगा उनको भी लाभ होगा.
- शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें और भगवान शिव को प्रसन्न करें।
- पाठ पूरा हो जाने पर लोटे का जल सारे घर मे छिड़क दें।
- थोड़ा सा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में खाएं और बच्चों में भी बाट दें।
शिव चालीसा पाठ के फायदे
धार्मिक मान्यता है कि शिव चालीसा पाठ से कई फायदे हैं। गर्भवती महिलाओं को शिव चालीसा से बहुत लाभ मिलता है। शिव चालीसा का पाठ करने से गर्भवती महिलाओं के बच्चे की रक्षा होती है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य संबंधी समस्या वाला व्यक्ति अगर शिव चालीसा का पाठ करें या सुनें तो उन्हें रोगों से मुक्ति मिलती है। शिव चालीसा का पाठ करने से नशे की लत और तनाव से छुटकारा मिलता है।


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