समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। पितृ पक्ष के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा अपने पितरों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इस बार पितृ पक्ष 15 दिनों का है। पितरों की मुक्ति के लिए इन दिनों दान-पुण्य व तर्पण आदि किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म करने से पितरों की कृपा बनी रहती है। श्राद्ध को सही तिथि व विधि के साथ करने का विधान है। कल बुधवार को पितृ पक्ष का नौवां दिन रहेगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के नौवें दिन या नवमी तिथि पर श्राद्ध करने का टाइम-
पितृपक्ष का नौवां दिन कल 25 सितंबर, के दिन पितृ पक्ष का नौवां दिन या नवमी तिथि श्राद्ध रहेगा। आइए पंचांग अनुसार जाने हैं नवमी श्राद्ध के शुभ मुहूर्त-
नवमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 25, 2024 को दोपहर 12.10 बजे
नवमी तिथि समाप्त – सितम्बर 26, 2024 को दोपहर 12.25 बजे
कुतुप मूहूर्त – सुबह 11.48 बजे से दोपहर 12.37 मिनट तक
अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12.37 बजे से दोपहर 1.25 मिनट तक
.अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स
अपराह्न काल – दोपहर 1.25 बजे से दोपहर 3.49 मिनट तक
अवधि – 02 घण्टे 25 मिनट्स
नवमी श्राद्ध कैसे करें-
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं।
- स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- पितृस्थान को गाय के गोबर से लीप कर और गंगाजल से पवित्र करें।
- महिलाएं स्नान करने के बाद पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
- श्राद्ध भोज के लिए ब्राह्मणों को पहले से ही निमंत्रण दे दें।
- ब्राह्मणों के आगमन के बाद उनसे पितरों की पूजा और तर्पण कराएं।
- पितरों का नाम लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें।
- जल में काला तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें।
- पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध, घी, खीर और दही अर्पित करें।
- चावल के पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।
- ब्राह्मण को पूरे सम्मान के साथ भोजन कराएं।
- अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें।
- इसके बाद आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
- श्राद्ध में पितरों के अलावा कौआ, गाय, कुत्ते और चींटी को भोजन खिलाने का विधान है।
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