श्राद्ध पक्ष 2024: पितृ पक्ष के सातवे दिन किसका श्राद्ध करें? 3 शुभ मुहूर्त में करें श्राद्ध

खबर शेयर करें

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 23 सितम्बर पितृ पक्ष का सातवां दिन है। इस बार पितृ पक्ष 15 दिन के हैं। इस कारण पितृ पक्ष का छठा व सातवां दिन एक ही दिन पड़ रहा है। 23 सितंबर के दिन पितृ पक्ष का छठा व सातवां दोनों दिन रहेगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष के सातवें दिन किसका श्राद्ध किया जाता है व श्राद्ध करने के शुभ मुहूर्त-

पितृपक्ष का सातवां दिन कल: 23 सितंबर, के दिन पितृ पक्ष का सातवां दिन या सप्तमी तिथि श्राद्ध रहेगा। आइए पंचांग अनुसार जानते हैं सप्तमी श्राद्ध के शुभ मुहूर्त-

सप्तमी तिथि प्रारम्भ – सितंबर 23, 2024 को दोपहर 01.50 बजे से
सप्तमी तिथि समाप्त – सितंबर 24, 2024 को दोपहर 12.38 बजे तक
कुतुप मूहूर्त – सुबह 11.49 बजे से दोपहर 12.37 बजे तक
अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12.37 बजे से दोपहर 01.26 बजे तक
अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट्स
अपराह्न काल – दोपहर 1026 बजे से दोपहर 3051 बजे तक
अवधि – 02 घण्टे 25 मिनट्स

यह भी पढ़ें -   21 नवम्बर 2024 बृहस्पतिवार का पंचांग, जानिए राशिफल में आज का दिन कैसा रहेगा आपका…

पितृपक्ष के सातवे दिन किसका श्राद्ध करें?
23 सितंबर, सोमवार के दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करें, जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की सप्तमी तिथि को हुआ हो।

पंचांग के अनुसार, इस दिन शुक्ल पक्ष अथवा कृष्ण पक्ष दोनों ही पक्षों की सप्तमी तिथि का श्राद्ध किया जा सकता है।

सप्तमी श्राद्ध कौन कर सकता है – ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया श्राद्ध तीन पीढ़ी तक किए जा सकते हैं और इन्हें करने का अधिकार पुत्र, पौत्र, भतीजे और भांजे को है।

श्राद्ध-विधि

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं।
  • स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें।
  • पितृस्थान को गाय के गोबर से लीप कर और गंगाजल से पवित्र करें।
  • महिलाएं स्नान करने के बाद पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें।
  • श्राद्ध भोज के लिए ब्राह्मणों को पहले से ही निमंत्रण दे दें।
  • ब्राह्मणों के आगमन के बाद उनसे पितरों की पूजा व तर्पण कराएं।
  • पितरों का नाम लेकर श्राद्ध करने का संकल्प लें।
  • जल में काला तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें।
  • पितरों के निमित्त अग्नि में गाय का दूध,घी,खीर व दही अर्पित करें।
  • चावल के पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें।
  • ब्राह्मण को पूरे सम्मान के साथ भोजन कराएं।
  • अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें।
  • इसके बाद आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें।
  • श्राद्ध में पितरों के अलावा कौआ, गाय, कुत्ते और चींटी को भोजन खिलाने का विधान है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440