श्रावण मास 2024: सावन मास का चौथा सोमवार, बन रहे हैं अद्भुत योग-संयोग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

खबर शेयर करें

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। सावन माह के चतुर्थ सोमवार 12 अगस्त 2024 को रहेगा। इस दिन सावन शुक्ल पक्ष की सप्तमी और अष्टमी का संयोग रहेगा। सावन माह का अंतिम सोमवार 19 अगस्त को रहेगा। चौथे सोमवार के दिन कब रहेगा पूजा और जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त और कौनसे 2 शुभ योग रहेंगे इस दिन? जानिए संपूर्ण जानकारी के साथ सरल पूजा विधि।

ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04.23 से 04.06 तक.
प्रातः सन्ध्या- प्रातः 04.44 से 05.49 तक.
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11.59 से 12.52 तक.
विजय मुहूर्त- दोपहर 02.38 से 03.31 तक.
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07.03 से 07.25 तक.
सायाह्न सन्ध्या- शाम 07.03 से 08.08 तक.

2 शुभ योग में मनेगा सावन का चौथा सोमवार-
12 अगस्त 2024 को चौथे सावन सोमवार के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं। पहला शुक्ल योग प्रात:काल से लेकर शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ होगा। इसी के साथ ही चौथे सावन सोमवार पर स्वाति नक्षत्र प्रातःकाल से लेकर सुबह 08रू33 बजे तक रहेगा फिर विशाखा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा।

यह भी पढ़ें -   पिथौरागढः शराब की दुकान के सेल्समैन की हत्या का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार

चौथे सावन सोमवार पर जलाभिषेक का समय-
यदि आप इस दिन शिवलिंग का चलाभिषेक या पंचामृत अभिषेक करना चाहते हैं तो आप ब्रह्म मुहूर्त में जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद आप अभिजीत मुहूर्त में भी जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद आप शाम को गोधुलि मुहूर्त में जलाभिषेक कर सकते हैं।

शिव पूजा विधि –

  • इस दिन प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित कर उनका जलाभिषेक करें।
  • फिर शिवलिंग पर दूध, फूल, धतूरा आदि चढ़ाएं।
  • मंत्रोच्चार सहित सुपारी, पंच अमृत, नारियल एवं बेल की पत्तियां चढ़ाएं।
  • माता पार्वती जी को 16 श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
  • फिर उनके समक्ष धूप, तिल के तेल का दीप और अगरबत्ती जलाएं।
  • इसके बाद ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
  • पूजा के अंत में शिव चालीसा और शिव आरती का पाठ करें।
  • पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करें।
  • शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा अवश्य सुनें या पढ़ें।
  • इस दिन व्रत करने वाले को केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
  • दिन में दो बार यानि सुबह और सायंकाल भगवान शिव की प्रार्थना करें।
  • शाम को पूजा समाप्ति के बाद ही व्रत खोलें और सामान्य भोजन ग्रहण करें।
  • शास्त्रों के अनुसार सावन महीने के तीसरे सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440