समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में सहायक अध्यापक पद की भर्ती प्रक्रिया में 50 से ज्यादा महिला अभ्यर्थियों का चयन रद्द हो सकता है। इन अभ्यर्थियों ने विवाह के बाद उत्तराखंड में स्थाई निवास और आरक्षण प्रमाण पत्र बनवाए थे, जिसके आधार पर उन्होंने आरक्षित श्रेणी में आवेदन किया था। अब शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि ऐसे मामलों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा।


शिक्षा निदेशालय ने हाल ही में शासन से दिशा-निर्देश मांगे थे कि अन्य राज्यों से विवाह कर उत्तराखंड में रहने वाली महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिया जाए या नहीं। शासन द्वारा उत्तराखंड पुनर्गठन नियमावली का हवाला देते हुए निर्देश जारी किए गए हैं कि 15 साल से पहले आरक्षण प्रमाण पत्र बनवाने वाली महिलाएं ही इस भर्ती प्रक्रिया में वैध मानी जाएंगी।
शिक्षा निदेशालय के अपर निदेशक आरएल आर्य ने बताया कि जिलाधिकारी के स्तर पर प्रमाण पत्रों की वैधता की जांच की जाएगी। इस फैसले से करीब 54 महिला अभ्यर्थियों पर असर पड़ सकता है, जो उत्तराखंड में विवाह के बाद बनाए गए आरक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर चयनित हुई थीं।




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