समाचार सच, हल्द्वानी। सरकार के टालमटोल के खिलाफ 31 अगस्त को आंदोलनरत आशायें मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय खटीमा को कूच करेंगी। उक्त निर्णय रविवार को यहां 28 दिन से हड़ताल पर बैठी आशा कार्यकत्रियों ने लिया हैं। उनका कहना है कि 2 अगस्त से चल रही आशा हड़ताल के अट्ठाइस दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन राज्य सरकार और उसके मुखिया अभी भी अनिर्णय के शिकार हैं।


धरने से जारी बयान में ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने कहा कि आशा आंदोलन और हड़ताल को चलते हुए एक महीना होने को है लेकिन आशाओं के मासिक वेतन पर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। यूनियन द्वारा यह पहले ही घोषणा की गई थी कि यदि सरकार विधानसभा सत्र तक भी कोई निर्णय नहीं लेगी तो महीने के अंत में मुख्यमंत्री के कैम्प कार्यालय, खटीमा चलो का कार्यक्रम लिया जायेगा।
यूनियन ने कहा कि राज्य सरकार अभी भी आशाओं की समस्याओं के समाधान में टालमटोल कर रही है। अतः 31 अगस्त को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय खटीमा जाकर मुख्यमंत्री से आशाओं के मासिक वेतन पर जवाब माँगा जायेगा। सभी जिलों से सैकड़ों की संख्या में आशाएँ मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय कूच में शामिल होंगी।
यूनियन महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि सेवा के नाम पर पिछले पंद्रह साल से शोषण झेल रही आशा वर्कर्स ने अब अपने अधिकार और सम्मान के लिए कमर कस ली है। अब आशाएँ अपना हक लेकर ही आंदोलन खत्म करेंगी। इसलिए राज्य सरकार आशाओं के जज्बे को समझते हुए आशाओं के पक्ष में फैसला ले और मासिक वेतन व पेंशन की घोषणा करंे।
महिला अस्पताल परिसर में बने धरना स्थल पर रिंकी जोशी, रीना बाला, पुष्पलता, सायमा सिद्दीकी, मुन्नी रौतेला, रेखा भट्ट, रेशमा, राजेश्वरी जोशी, सरिता साहू, माया शाह, पुष्पा आर्य, गंगा बिष्ट, कमला बिष्ट, दीपा आर्य, हेमा शर्मा, सरस्वती, मालती देवी, कमलेश आदि आशाएँ मौजूद रहीं।




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