समाचार सच, जोशीमठ (एजेन्सी)। बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिये बदं हो हो गये। रविवार सायं पांच बजकर 13 मिनट पर शीतकाल के लिए श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का भी समापन हो गया। ज्ञात हो कि अब अगले वर्ष ग्रीष्म काल में एक बार फिर विधि-विधान से हिमालय में स्थित चारों धामों के श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे।
रविवार दोपहर डेढ़ बजे सायंकालीन पूजा संपन्न होने के बाद अपराह्न तीन बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गईं। इसके बाद शाम पांच बजकर 13 मिनट पर धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से सजाया गया ।
इससे पूर्व कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत शनिवार को मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करने के बाद लक्ष्मी जी का आह्वान किया। रविवार को कपाट बंद होने से पहले माता लक्ष्मी को भगवान बदरीनाथ के मंदिर में विराजमान किया गया। इसके बाद भगवान की डोली को मंदिर के रावल के आवास में ले जाया गया जहाँ से सोमवार सुबह पांडुकेश्वेर ले जाया जायेगा।
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