समाार सच, नैनीताल। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसता जा रहा है। विजिलेंस की टीम ने नैनीताल कोषागार में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और उनके कार्यालय में तैनात अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को 1.20 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।


जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता न्यायालय में कार्यरत है और उसे व उसके पांच साथियों को एसीपी मिलनी थी। इसके लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी में दो सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन मुख्य कोषाधिकारी हस्ताक्षर करने में आनाकानी कर रहे थे।
आरोप है कि अकाउंटेंट ने शिकायतकर्ता को फोन कर बुलाया और बताया कि सीटीओ साहब हर कर्मचारी से ₹50,000 की मांग कर रहे हैं, क्योंकि कुल ₹5-6 लाख का एरियर बन रहा है। अंततः ₹1.20 लाख में ‘डील’ फाइनल हुई।
शिकायत मिलते ही सतर्कता अधिष्ठान ने जाल बिछाया और 9 मई को दोनों अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।
सतर्कता निदेशक डॉ वी मुरूगेशन ने ट्रैप टीम को नगद इनाम देने की घोषणा की और जनता से अपील की कि अगर कोई रिश्वत मांगे तो हेल्पलाइन नंबर 1064 या WhatsApp नंबर 9456592300 पर तुरंत शिकायत करें।





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