बीमार को नहीं मिला आयुष्मान कार्ड का लाभ, सीएम से लगाई गुहार

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समाचार सच, नैनीताल। प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड योजना का बीमार को लाभ न मिलने का मामला प्रकाश में आया है। निजी चिकित्सालयों से लेकर सरकारी अस्पतालों में यह कार्ड सफेद हाथी साबित हुआ है। रही सही कसर कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉक डाउन ने पूरी कर दी। कारोबार बंद होने के चलते पीड़ित परिवार के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया। जो उपचार में बाधक बन गया है। जिसके चलते अब पीड़ित ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मदद की गुहार लगाई है।

होटल में कार्यरत मल्लीताल नैनीताल में स्टॉफ हाउस में रहने वाले दौलत राम की पत्नी प्रेमा देवी को 28 दिसंबर 2019 को सिर में दर्द, चक्कर आने की शिकायत पर स्थानीय बी.डी.पांडे चिकित्सालय में ले जाया गया। यहां से उसे हल्द्वानी के डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल रैफर किया गया। जहां प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड योजना का कार्ड होने के बाद भी उनसे सी.टी.स्कैन, एम.आर.आई स्कैन का पूरा खर्चा कार्ड को अमान्य बताकर वसूल लिया गया। जांच में प्रेमा देवी को ब्रेन ट्यूमर होना बताते हुए हायर सेंटर रैफर कर दिया गया। इस पर उसे कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ले जाया गया। यहां भी कार्ड होने के बाद समस्त जांचों की शुल्क लिया गया। इसके बाद 14 जनवरी 2020 को प्रेमा को दिल्ली स्थित एम्स में ले जाया गया। लेकिन यहां भी यह कार्ड महज सफेद हाथी ही साबित हुआ। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने भी कार्ड को पूरी तरह से नकार दिया और धन देने पर ही दिमागी ट्यूमर का ईजाल शुरू करने की बात कह डाली। इस पर किसी तरह इस परिवार ने धन की व्यवस्था कर 15 फरवरी को ऑपरेशन तो करा लिया। लेकिन घरों में झाडूू-पोंछा कर परिवार चलाने में मदद करने वाली प्रेमा देवी के समक्ष कोरोना संक्रमण कहर बनकर टूट पड़ा। लॉक डाउन के चलते स्वयं के साथ-साथ पति का कामकाज भी बंद हो गया। इससे उधार लिया गया पैसा लौटाने के साथ-साथ दवाईयों का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया। ऐसे में अब इस परिवार ने उधार की रकम चुकाने व भविष्य में मेडिकेशन के लिए मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।

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