charan sparsh

चरण छूकर प्रणाम करने के प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर कई फायदे होते हैं

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। अपने से बड़ों का अभिवादन करने के लिए चरण छूने की परंपरा सदियों से रही है। सनातन धर्म में अपने से बड़े के आदर के लिए चरण स्पर्श उत्तम माना गया है। प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर चरण स्पर्श के कई फायदे हैं…

  1. चरण छूने का मतलब है पूरी श्रद्धा के साथ किसी के आगे नतमस्तक होना। इससे विनम्रता आती है और मन को शांति मिलती है। साथ ही चरण छूने वाला दूसरों को भी अपने आचरण से प्रभावित करने में कामयाब होता है।
  2. जब हम किसी आदरणीय व्यक्ति के चरण छूते हैं, तो आशीर्वाद के तौर पर उनका हाथ हमारे सिर के उपरी भाग को और हमारा हाथ उनके चरण को स्पर्श करता है। ऐसी मान्यता है कि इससे उस पूजनीय व्यक्ति की पॉजिटिव एनर्जी आशीर्वाद के रूप में हमारे शरीर में प्रवेश करती है। इससे हमारा आध्यात्मिक तथा मानसिक विकास होता है।
  3. शास्त्रों में कहा गया है कि हर रोज बड़ों के अभिवादन से आयु, विद्या, यश और बल में बढ़ोतरी होती है।
  4. इसका वैज्ञानिक पक्ष इस तरह है न्यूटन के नियम के अनुसार, दुनिया में सभी चीजें गुरुत्वाकर्षण के नियम से बंधी हैं. साथ ही गुरुत्व भार सदैव आकर्षित करने वाले की तरफ जाता है. हमारे शरीर पर भी यही नियम लागू होता है. सिर को उत्तरी धु्रव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है। इसका मतलब यह हुआ कि गुरुत्व ऊर्जा या चुंबकीय ऊर्जा हमेशा उत्तरी धु्रव से प्रवेश कर दक्षिणी धु्रव की ओर प्रवाहित होकर अपना चक्र पूरा करती है। यानी शरीर में उत्तरी धु्रव (सिर) से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर दक्षिणी धु्रव (पैरों) की ओर प्रवाहित होती है। दक्षिणी ध्रुव पर यह ऊर्जा असीमित मात्रा में स्थिर हो जाती है. पैरों की ओर ऊर्जा का केंद्र बन जाता है। पैरों से हाथों द्वारा इस ऊर्जा के ग्रहण करने को ही हम श्चरण स्पर्शश् कहते हैं।
  5. चरण स्पर्श और चरण वंदना भारतीय संस्कृति में सभ्यता और सदाचार का प्रतीक है।
  6. माना जाता है कि पैर के अंगूठे से भी शक्ति का संचार होता है। मनुष्य के पांव के अंगूठे में भी ऊर्जा प्रसारित करने की शक्ति होती है।
  7. मान्यता है कि बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श नियमित तौर पर करने से कई प्रतिकूल ग्रह भी अनुकूल हो जाते हैं।
  8. इसका मनोवैज्ञानिक पक्ष यह है कि जिन लक्ष्यों की प्राप्ति को मन में रखकर बड़ों को प्रणाम किया जाता है, उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है।
  9. यह एक प्रकार का सूक्ष्म व्यायाम भी है। पैर छूने से शारीरिक कसरत होती है. झुककर पैर छूने, घुटने के बल बैठकर प्रणाम करने या साष्टांग दंडवत से शरीर लचीला बनता है।
  10. आगे की ओर झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है।
  11. प्रणाम करने का एक फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। इन्हीं कारणों से बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया है।
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ध्यान रखने वाली बात यह है कि केवल उन्हीं के चरण स्पर्श करना चाहिए, जिनके आचरण ठीक हों। ‘चरण‘ और ‘आचरण’ के बीच भी सीधा संबंध है।

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