समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। जब लीवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो यह खून में बिलीरुबिन नामक गंदे पदार्थ का निर्माण करने लगता है। खून में इस पदार्थ के बढ़ने से आंखों और नाखून में पीलापन नजर आने लगता है। मरीज को थकान, पेट में दर्द, वजन कम होना, उल्टी और बुखार जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। मेडिकल में पीलिया के लिए कई तरह के इलाज मौजूद हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपायों के जरिए भी इससे राहत पा सकते हैं।


पीलिया एक आम बीमारी है, जिससे अक्सर बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। इस बीमारी में त्वचा, श्लेष्मा झिल्ली और आंखों के सफेद भाग पर एक पीलापन दिखाई देता है। कई बार शरीर के तरल पदार्थों का रंग भी पीला हो सकता है, जैसे पेशाब का पीला हो जाना। पीलिया को अक्सर लीवर या पित्त नलिकाओं की समस्या से जोड़कर देखा जाता है।
पीलिया का के कारण है? ऐसा माना जाता है कि जब लीवर ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो यह खून में बिलीरुबिन नामक गंदे पदार्थ का निर्माण करने लगता है। खून में इस पदार्थ के बढ़ने से आंखों और नाखून में पीलापन नजर आने लगता है। इस पदार्थ की मात्रा अधिक होने से पीला रंग हरे रंग में बदल सकता है। वैसे यह रोग किसी को भी हो सकता है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है।
अगर बात करें पीलिया के लक्षण की तो इसमें त्वचा, आंखों और नाखूनों का रंग पीला होना, पेशाब और पॉटी का पीला होना और खुजली शामिल हैं। इनके अलावा मरीज को थकान, पेट में दर्द, वजन कम होना, उल्टी और बुखार जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। मेडिकल में पीलिया के लिए कई तरह के इलाज मौजूद हैं लेकिन आप पीलिया के लिए घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं और यह असरदार भी हैं। नेशनल हेल्थ पोर्टल ने इसके लिए विभिन्न तरह के पत्ते बताए हैं, जिनके इस्तेमाल से आपको फायदा हो सकता है।
पीलिया की जड़ी-बूटी है अरहर के पत्ते
अरहर के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें और इस रस का कम से कम 60 मिलीलीटर प्रतिदिन सेवन करने से पीलिया ठीक हो जाता है। इनमें से फलियां भी बहुत पोषक होती हैं और इन्हें आहार में शामिल किया जा सकता है।
करेले के पत्ते
लगभग 7-10 पत्ते लें और इसे एक कप पानी में उबालकर ठंडा होने दें। 10-15 धनियां लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। इसे पहले से तैयार काढ़े के साथ मिलाएं। पीलिया के प्रभावी इलाज के लिए दिन में कम से कम तीन बार पियें।
मूली के पत्ते
मूली के कुछ पत्ते लेकर छलनी की सहायता से उसका रस निकाल लें। निकाले गए रस का लगभग आधा लीटर प्रतिदिन सेवन करें, लगभग दस दिनों में रोगी को रोग से मुक्ति मिल जाएगी।
पपीते के पत्ते
नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार, एक चम्मच पपीते के पत्तों के पेस्ट में एक चम्मच शहद मिलाएं। इसे लगभग एक या दो सप्ताह तक नियमित रूप से खाएं। यह पीलिया का बहुत ही असरदार घरेलू इलाज है।
तुलसी के पत्ते
लगभग 10-15 तुलसी के पत्ते लें और उसका पेस्ट बना लें। इसमें आधा गिलास ताजा तैयार मूली का रस मिलाएं। बेहतर परिणाम के लिए इस तैयारी को लगभग दो से तीन सप्ताह तक रोजाना पियें।




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