‘‘ये पगड़ी नहीं गुरू का दिया ताज है’’ नन्हें मुन्ने बच्चों सिक्ख समूह के नौजवानों ने मनाया टर्बन डे

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समाचार सच, हल्द्वानी। 556वें प्रकाश पर्व के अवसर पर नन्ने मुन्ने बच्चों व सिक्ख समूह के जवानों तथा महिलाओं ने केश सजाकर टर्बन डे पर चार चांद लगा दिया।
रविवार को हल्द्वानी की समूह संगत, प्रबंधक कमेटियों एवं यूथ संस्थाओ की तरफ से टर्बन डे (turban day) मनाया गया।
रविवार को श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में अरदास करके टर्बन डे का शुभारम्भ किया। ‘बिना पगड़ी दे नहीं पहचान होंदी, भांवे होवे आदमी लख हजार विच, लखां विचो होवे इक पगड़ी वाला, लोगी आखदे, सत श्री अकाल सरदार जी’। टर्बन डे (turban day) पर छोटे छोटे बच्चे बोले सो निहाल के उद्धघोष एवं सतनाम वाहेगुरु का सिमरन करते हुए चल रहे थे। बड़े बच्चे और सिख महिलाये भी शब्द गायन और हाथ मे पगड़ी मेरी जान, पगड़ी मेरी पहचान एवं ये सिर्फ पगड़ी नही गुरु का दिया ताज है आदि के बोर्ड हाथ मे पकड़ कर समूह इलाका निवासियों को संदेश दे रहे थे।

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सभी संगत रंग बिरंगी पगड़ियां बांध कर पैदल चल कर तिकोनिया चौराहा-ओक होटल-सिंधी चौराहा-मीरा मार्ग बाजार होती हुई गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा पहुची। इस का मुख्य उद्देश्य सिख नोजवानो को दस्तार/पगड़ी की तरफ प्रेरित करना था।गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा पहुँचने पर कीर्तन कर अरदास करके गुरु साहिब का धन्यवाद किया गया व पगड़ी का महत्व समझाया गया। गुरद्वारा कमेटी की तरफ से सभी संगत का धन्यवाद किया गया। सभी संगत ने गुरु का लंगर छक कर गुरु साहिब का धन्यवाद करा। उक्त प्रोग्राम में सभी गुरद्वारा कमेटी के एवं संस्थाओ के सदस्य मौजूद रहे।

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