समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां की पूजा करने से आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। मां की पूजा के साथ-साथ नवरात्रि के दिनों में खास उपाय और पूजा करने से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के दौरान इन उपाय को करने से घर परिवार में बनी रहेगी खुशियां। साल 2024 में नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हुई थी.अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है।
कौन हैं मां कुष्मांडा?
शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन 6 अक्टूबर को है। नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कुष्मांडा की मंद-मंद मुस्कान के कारण ही उनको कुष्मांडा कहा जाता है। जब सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था तब चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था तब देवी के इसी रूप से बह्मांड की रचना हई थी। मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है क्योंकि इनके हाथों में धनुष, बाण, चक्र, गदा, अमृत कलश, कमल और कमंडल सुशोभित है।
मां कुष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त-
- इस दिन आश्विन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की भी रहेगी। इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा होगी।
- इस दिन वरद विनायक चतुर्थी व्रत और प्रीति योग का भी संयोग बन रहा है।
- चतुर्थी तिथि की शुरूआत 6 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 7 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी।
- मां कुष्मांडा की पूजा का बह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 48 मिनट से सुबह 5 बजकर 36 मिनट तक है और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से शाम 4 बजकर 11 मिनट तक है।
कैसे करें मां कुष्मांडा की पूजा-
- मां कुष्मांडा की पूजा के सुबह स्नान करें फिर नारंगी रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें और पूजा से पहले सर्वप्रथम गणेश जी और समस्त देवी-देवताओं का आवाहन करें।
- मां को सिंदूर, पीले रंग के फूल और हरी ईलायची अर्पित करें और फिर मां कुष्मांडा की दीपक जलाकर आरती करें।
मां कुष्मांडा के मंत्र-
- “ओम देवी कुष्माणडाये नमः”का 108 बार जप करें।
- इस दिन वरद विनायक चतुर्थी व्रत भी होगा इसलिए गणेश जी की भी पूजा करें।
- गणेश जी को दुर्वा अवश्य अर्पित करें।
- इससे आपको मां दुर्गा के साथ गणेश जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा।
- विधिवत पूजा से आपको सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी। मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं।
- मां कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए पूजा में दही, फल, मेवा-मिष्ठान और 16 श्रृंगार का समान अर्पित करने से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होगी।
- नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को कुम्हड़ा यानि की पेठा का भोग लगांए।
- मां को गुलाब के फूल में कपूर रखकर अर्पित करें।
- महालक्ष्मी मंत्र का जाप करें।
“ऊँ श्री हृीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं हृीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नमः।। का जप करें और शाम को फूल से कपूर निकालकर प्रज्जवलित करें। इस उपाय को करने से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होगी।
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