समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब सरकारी स्कूलों में 10वीं के छात्रों के लिए पांच नहीं, बल्कि 10 विषयों को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। यह बदलाव राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा (एससीईआरटी) के ड्राफ्ट में प्रस्तावित किया गया है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द शासन को भेजा जाएगा।
11वीं में मिलेगा विषय बदलने का विकल्प
ड्राफ्ट के अनुसार, 10वीं के छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से 10 विषयों का अध्ययन करना होगा। हालांकि, विषय बदलने का विकल्प छात्रों को 11वीं कक्षा में दिया जाएगा।
एनईपी के तहत समय निर्धारण
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक विषय की पढ़ाई के लिए समय निर्धारित किया गया है।
तीन भाषाओं (दो भारतीय भाषाओं सहित) के लिए 70-70 घंटे।
गणित और विज्ञान के लिए 135-135 घंटे।
अन्य विषयों जैसे सामाजिक विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा आदि के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है।
10वीं के अनिवार्य विषय
विभागीय जानकारी के अनुसार, कक्षा 9 और 10 में तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी, जिनमें दो भारतीय भाषाएं शामिल होंगी। साथ ही, अनिवार्य विषयों में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, अंतर-विषय क्षेत्र नामक एक नया विषय भी जोड़ा जाएगा।
एससीईआरटी की तैयारी और प्रक्रिया
एससीईआरटी के प्रभारी अपर निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि यह सिफारिशें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर तैयार की गई हैं। राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विभिन्न समितियां काम कर रही हैं। इस ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर सरकार के सामने पेश किया जाएगा।
शिक्षा में सुधार का प्रयास
एनईपी 2020 के तहत किए जा रहे इन बदलावों का उद्देश्य छात्रों की बहुआयामी विकास क्षमता को बढ़ावा देना और उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


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