मुम्बई पुलिस की हिरासत से फरार इनामी शातिर अभियुक्त दून में गिरफ्तार

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10 फरवरी को आजमगढ़ से पुलिस को चकमा देकर हुआ था फरार

समाचार सच, देहरदून। आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से मुम्बई पुलिस की हिरासत से फरार व 25000 रुपये का इनामी शातिर अभियुक्त को दून पुलिस ने 315 बोर तमंचा व कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया हैं। पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती श्वेता चौबे के अनुसार गिरफ्तार आरोपी के विरुद्ध उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ व वाराणसी में रेलवे में नौकरी दिलाने तथा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लोगांे को आवास दिलाने के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी के कई अभियोग पंजीकृत हैं। मुंबई पुलिस द्वारा उसे 26 सितंबर 2019 को ठाणे से गिरफ्तार किया गया था तथा दिनांक 10 फरवरी को मुम्बई पुलिस उसे वाराणसी में पंजीकृत धोखाधड़ी के अभियोग के संबंध में वाराणसी कोर्ट में पेशी के लिए लायी थी, वहां से कोर्ट में पेशी के पश्चात उसके द्वारा अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर मुंबई पुलिस को अपने साथ आजमगढ़ चलने के लिए राजी किया गया तथा आजमगढ़ पहुँचने के बाद वह किसी तरह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में जनपद देहरादून में पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी द्वारा सभी थाना प्रभारियों व एसओजी टीम को वांछित व इनामी अभियुक्तो की गिरफ्तारी के लिये आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किये गए थे। जिसके अनुपालन में थाना पुलिस व एसओजी की टीम लगातार प्रयासरत थी। 2 जनवरी को श्रीमती सावित्री सिंह पत्नी मनोज सिंह ठाकुर निवासी 188 होटल ग्रीन व्यू के पीछे फ्लैट मालसी मंसूरी रोड थाना राजपुर देहरादून द्वारा सुनील मल्होत्रा व अन्य के विरूद्ध आपराधिक षडयन्त्र रचकर उनके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर श्रीमती सावित्री सिंह के मालसी स्थित फ्लैट को क्रय करने सम्बन्धी अभियोग पंजीकृत कराया गया था। उक्त अभियोग की विवेचना के दौरान प्रकाश मे आया कि वादिनी के पति मनोज सिंह ठाकुर द्वारा सुनील मल्होत्रा के साथ आपस मे साठगांठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर मालसी स्थित फ्लैट को सुनील मल्होत्रा को बेचकर करीब 98 लाख रुपये प्राप्त किये गये थे। विवेचना में प्राप्त सभी तथ्यों व दस्तावेजो का परीक्षण किया गया, जिसमे उक्त विवेचना में मनोज सिंह ठाकुर के बयान अति महत्वपूर्ण होने के कारण मनोज सिंह ठाकुर की तलाश प्रारम्भ की गई, तो जानकारी मिली कि मनोज सिंह ठाकुर मूल रूप से जनपद आजमगढ़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है तथा बचपन से ही मुम्बई में रह रहा है। मनोज सिंह ठाकुर के संबंध में जानकारी करने हेतु थाना पुलिस द्वारा एसओजी देहरादून को भी अवगत कराया गया। थाना पुलिस व एसओजी द्वारा संयुक्त रूप से उक्त व्यक्ति के संबंध में मुम्बई पुलिस व उत्तर प्रदेश पुलिस से अलग अलग संपर्क स्थापित किया गया। इसी दौरान 11 फरवरी 2020 को पुलिस अधीक्षक नगर देहरादून को मुम्बई पुलिस से जानकारी प्राप्त हुई कि मनोज सिंह ठाकुर नाम का एक अभियुक्त जनपद आजमगढ उत्तर प्रदेश से मुम्बई पुलिस की हिरासत से फरार हो गया है। जिसके विरुद्ध मुम्बई व आजमगढ़ उत्तर प्रदेश में संगीन धाराओ मे करीब 20 अभियोग पंजीकृत हैं तथा उस पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया है।

मुम्बई पुलिस द्वारा यह भी बताया गया कि उक्त अभियुक्त सम्भवत देहरादून में अपनी पत्नी व बच्चों से मिलने आ सकता है। इन सूचनाओ से पुलिस अधीक्षक नगर देहरादून द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को अवगत कराया गया. जिस परपुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त शातिर पुलिस हिरासत से फरार इनामी अपराधी की गिरफ्तारी के लिये आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए तथा पुलिस अधीक्षक नगर के निकट पर्यवेक्षण में थाना राजपुर व एसओजी की अलग अलग टीमें गठित की गई। उक्त अभियुक्त के पुलिस अभिरक्षा से फरार होने के उपरान्त जनपद देहरादून में आने की सम्भावना के दृष्टिगत गठित टीमों द्वारा सभी होटलों, सरायों में अभियुक्त की तलाश के लिये चौकिंग अभियान चलाया गया तथा आनलाइन बुकिंग के माध्यम से बुक किये गये होटलों का रिकार्ड खंगाला गया। साथ ही गठित टीमो द्वारा उक्त अभियुक्त के संबंध में मुम्बई पुलिस व आजमगढ़ पुलिस से महत्वपूर्ण दस्तावेजी साक्ष्य व अन्य महत्वपूर्ण तथ्य प्राप्त कर अभियुक्त की तलाश हेतु स्थानीय पुलिस सूत्रों को अवगत कराया तथा व्हाट्सएप्प के माध्यम से भी उक्त अभियुक्त की फोटो पुलिस सूत्रों को प्रषित की गई तथा एक टीम को सादे वस्त्रो में अभियुक्त के मालसी स्थित फ्लैट पर निगरानी रखने हेतु नियुक्त किया गया। अभियुक्त की तलाश के लिये जब एसओजी टीम राजपुर रोड पर एनआईवीएच के पास मामूर थी तो मुखबिर द्वारा पुलिस टीम को सूचना दी गयी कि मनोज सिंह ठाकुर को कल दिन में देहरादून में कचहरी के आस पास देखा गया। सम्भवतः वह अपनी पत्नी से मिलने जरूर जाएगा। उसके द्वारा एक टैक्सी गाड़ी को किराये पर लिया गया है।

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इस सूचना से सभी टीमो को अवगत कराकर सतर्क किया गया तथा एसओजी प्रभारी व थानाध्यक्ष राजपुर की संयुक्त टीम द्वारा मय अस्लाह के साथ दोपहर से ही अभियुक्त केे घर जाने वाले रास्ते पर जोहड़ी तिराहा मंसूरी रोड पर निगरानी रखते हुए संदिग्ध गाड़ियों की चौकिंग प्रारम्भ की गई। लगातार निगरानी व चौकिंग करते हुए देर रात्रि को देहरादून की तरफ से एक गाड़ी आती हुई दिखाई दी, जिसको मुखविर द्वारा देखकर बताया कि यही वह संदिग्ध गाड़ी है। मुखबिर की निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा बैरियर लगाकर उक्त वाहन को रोका गया तथा अस्लहों की सहायता से उक्त गाड़ी को चारों तरफ से घेरकर चेतावनी देते हुए गाड़ी के चालक व उसमें सवार एक अन्य व्यक्ति को बाहर निकलने के लिए कहा गया। गाडी की पिछली शीट पर बैठे व्यक्ति का हुलिया मनोज सिंह ठाकुर के हुलिए से हूबहू मेल खाता था। जिससे नाम पता पूछने पर वह आनाकानी करने लगा। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम मनोज सिंह ठाकुर पुत्र स्व रघुपति सिंह निवासी बी 806 यूनिक हाइट पुनम गार्डन मीरा रोड ईस्ट ठाणे, महाराष्ट्र। मूल ग्राम आमगाव थाना दीदारगंज जिला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश। हाल निवासी 188 होटल ग्रीन वयू के पीछे फ्लैट मालसी मंसूरी रोड थाना राजपुर देहरादून उम्र 41 वर्ष बताया तथा यह भी बताया कि वह 11 फरवरी 2020 को पेशी से लौटते वक्त आमगांव, थाना दीदारगंज, जनपद आजमगढ़ से पुलिस को चकमा देकर पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। 11 फरवरी को ही अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु जनपद आजमगढ़ पुलिस द्वारा 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अभियुक्त की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से एक अदद 315 बोर देशी तमंचा मय 2 जिंदा कारतूस बरामद हुए, जिनका इसके पास कोई वैध कागजात नही पाया गया। अभियुक्त के विरुद्ध अवैध अस्लाह व कारतूस रखने के संबंध में थाना राजपुर पर आर्म्स एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा मुम्बई पुलिस व आजमगढ़ पुलिस को उक्त इनामी अभियुक्त की गिरफ्तारी की सूचना दी गयी हैं। इस प्रकार पुलिस टीमो द्वारा उच्चाधिकारी गणों के सफल निर्देशन में टीम भावना से पुलिस टैक्टिक्स का सफल उपयोग करते हुए गैर राज्य से वांछित 25000 रुपये का इनामी शातिर अपराधी, जो कि पुलिस हिरासत से फरार था को देहरादून में गिरफ्तार किया गया। आरोपी के पास से एक अदद 315 बोर देशी तमंचा, दो जिंदा कारतूस 315 बोर, 2100 रुपये नगद, एटीएम कार्ड (इंडियन ओवरसीज बैंक) व दो मोबाइल फोन बरामद हुये हैं।

पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती श्वेता चौबे ने पत्रकारों को बताया की पूछताछ में अभियुक्त मनोज सिंह ने पुलिस को बताया कि वो मूल रूप से जनपद आजमगढ़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला हैं। उसके पिता मुंबई में रेलवे में अधिकारी थे, जिस कारण वो बचपन से ही मुंबई मे रहा। उसकी पढ़ाई-लिखाई मुंबई से ही हुई है तथा उसने वर्ष 2002 मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, उसके पश्चात उसने केसी कॉलेज मुंबई से जर्नलिज्म का डिप्लोमा लिया तथा उसके बाद 04 साल तक एक प्रतिष्ठित अखबार में फ्री लांस रिपोर्टर के तौर पर कार्य किया गया। राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ने के पश्चात वो वर्ष 2008 से 2012 तक महाराष्ट्र में लालू प्रसाद यादव की जनता दल पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता रहा, उसके पश्चात वर्ष 2012 से 2014 तक महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी का प्रदेश महासचिव, तत्पश्चात विलासराव देशमुख के समय पर महाराष्ट्र में समन्वय समिति का सदस्य भी रहा। समाजवादी पार्टी से जुड़े होने के कारण वर्ष 2016 में आजमगढ़ के मार्टीगंज क्षेत्र से ब्लॉक प्रमुख चुना गया परंतु वर्ष 2018 में अविश्वास प्रस्ताव आने पर उसे उस पद से हटा दिया गया। उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ व वाराणसी में रेलवे में नौकरी दिलाने तथा महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत लोगो को आवास दिलाने के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी के कई अभियोग पंजीकृत हैं। मुंबई पुलिस द्वारा उसे 26 सितंबर 2019 को ठाणे से गिरफ्तार किया गया था तथा दिनांक 10 फरवरी को मुम्बई पुलिस उसे वाराणसी में पंजीकृत धोखाधड़ी के अभियोग के संबंध में वाराणसी कोर्ट में पेशी के लिए लायी थी, वहां से कोर्ट में पेशी के पश्चात उसके द्वारा अपनी मां की बीमारी का बहाना बनाकर मुंबई पुलिस को अपने साथ आजमगढ़ चलने के लिए राजी किया गया तथा आजमगढ़ पहुँचने के बाद वह किसी तरह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। आजमगढ़ से फरार होने के पश्चात वह वहां से किसी तरह छुपते-छुपाते ट्रेन के जरिये लखनऊ पहुँचा तथा वहां से बस पकड़कर 14 फरवरी 2020 को देहरादून आ गया, क्योंकि उसकी बीवी व बच्चे देहरादून में ही रहते थे तथा लंबे समय से उसका उनसे कोई किसी प्रकार से कोई संपर्क नहीं हो पाया था तो वह उनसे मिलने के लिये ही देहरादून आया था। दून पहुंचने के बाद में पुलिस से बचने के लिये छोटे-छोटे होटलों में छुपकर रह रहा था तथा अपने परिवार से मिलने का प्रयास कर रहा था। परंतु उसकी उनसे मुलाकात नहीं हो पा रही थी। आज भी वो अपने परिवार से मिलने जा रहा था परन्तु उससे पूर्व ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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अभियुक्त द्वारा पूछताछ के दौरान बताये गये सभी तथ्यों के सम्बन्ध में मुम्बई पुलिस से जानकारी प्राप्त की गयी तो उक्त सभी तथ्यों का मिथ्या होना ज्ञात हुआ। मुम्बई पुलिस द्वारा बताया गया कि अभियुक्त द्वारा पूर्व में भी इसी प्रकार मिथ्या तथ्यों को पेश कर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की गयी है।

पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती श्वेता चौबे ने बताया की अभियुक्त मनोज सिंह एक शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़, वाराणसी तथा महाराष्ट्र में मुंबई में धोखाधड़ी, लूट, हत्या का प्रयास समेत कई अभियोग पंजीकृत हैं। अभियुक्त के 11 फरवरी 2020 को आजमगढ़ से मुम्बई पुलिस की गिरफ्त से फरार होने के उपरांत उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अभियुक्त के ऊपर 25000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।

आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम मे पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती श्वेता चौबे, सीओ डालनवाला विवेक कुमार, थानाध्यक्ष राजपुर अशोक राठौड़, उप.निरी योगेश पांडेय, उप.निरी नीरज त्यागी, कां. अमित भट्ट, कानि राकेश डिमरी, कानि अमित कुमार, कां चालक महावीर सिंह व एसओजी टीम मे प्रभारी एसओजी ऐश्वर्य पाल, कानि ललित कुमार, कानि0 देवेंद्र, कानि अरशद अली, कानि विपिन, कानि पंकज, प्रमोद, आशीष, अमित, देवेंद्र ममगई शामिल थे।

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