उत्तराखण्ड के कई शहरों में वालमार्ट के स्टोर स्वीकृति होने पर व्यापारियों में भारी रोष

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-प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल करेंगा 31 अगस्त से चरणबद्ध प्रदेश व्यापी आन्दोलन
-राज्य सरकार पर आरोप, कहा सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुए व्यापारियों के साथ किया विश्वासघात

समाचार सच, हल्द्वानी। राज्य सरकार द्वारा वालमार्ट के स्टोर उत्तराखंड के प्रमुख शहरों देहरादून हरिद्वार एवं हल्द्वानी में जो स्वीकृति प्रदान की गई है उसका उत्तराखंड प्रदेश के समस्त व्यापारी पुरजोर विरोध करते हैं। प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल 31 अगस्त से चरणबद्ध प्रदेश व्यापी आन्दोलन शुरू करेगा।
उक्त जानकारी देते हुए शुक्रवार को यहां एक पत्रकार वार्ता के दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश महामंत्री नवीन चंद्र वर्मा ने अपनी रणनीति को स्पष्ट करते हुए बताया है कि 31 अगस्त को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालय स्तर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 1 से 7 सितंबर तक विभिन्न जिलों में क्रमवार धरना प्रदर्शन किया जाएगा और 10 सितंबर को प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा भावी रणनीति की घोषणा की जायेगी।

व्यापारियों का राज्य सरकार पर आरोप:
प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रदेश महामंत्री नवीन वर्मा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार वालमार्ट को स्वीकृति दिए जाने से अपनी पीठ थपथपा रही है कि इससे प्रदेश के 2000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा एवं सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुए प्रदेश के व्यापारियों के साथ विश्वासघात किया है। सरकार भली-भांति जानती है कि 2000 लोगों को रोजगार दिया जाएगा उनमें से कुल 30 परसेंट स्थानीय लोगों को ही उस में रोजगार का अवसर मिलेगा।

उनका कहना था कि सरकार के इस कदम से अनुमानित रूप से लगभग 200000 लोग प्रभावित होंगे। ज्यादातर लोगों का खुदरा एवं थोक व्यापार खत्म हो जाएगा। इससे प्रतिष्ठानों पर काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे एवं उनके परिवार के सामने बच्चों के पढ़ाई एवं रोजी.रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।बेरोजगारी होने से अपराध की संभावना बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में हर वस्तु की कीमतें स्वाभाविक रूप से बढ़ी हुई होती है। वालमार्ट की ओर से 16 अरब डालर में फ्लिपकार्ट की 77 फ़ीसदी हिस्सेदारी लेने का रास्ता साफ कर चुकी है। पूर्व में इसे आनलाइन मार्केट के जरिए एंट्री कर रही थी लेकिन अब आफलाइन स्वयं स्टोर्स खोलकर बाजार में स्थापित हो रही है। ऐसे में ऐसी कंपनियां दुनिया में से कहीं से भी सामान लाएंगे और देश को डंपिंग ग्राउंड बना देगी भारतीय रिटेल के लिए प्रतिस्पर्धा स्तर बराबर का नहीं रहेगा और वह पिछड़ जाएंगे। उनका व्यापार बर्बाद हो जाएगा देश में इस वक्त लगभग सात से आठ करोड़ रिटेलर है जिनमें से लगभग 3 करोड़ रिटेलर्स को इस डील से सीधे तौर पर नुकसान होने वाला है। भारत में आफलाइन एवं आन लाइन सेगमेंट में रिटेलर्स को मिलाकर 40 लाख करोड़ रुपए सालाना का कारोबार होता है और लगभग 20 लाख करोड़ के बिजनेस का इससे नुकसान होने वाला है। इससे संपूर्ण भारत में अनुमानित 700000 लोगों की नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा। एफडीआई को सौ परसेंट मंजूरी देने से दवा दुकान में पूर्ण रूप से प्रभावित होंगी।यह आत्मघाती कदम प्रमुख रूप से सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को क्षति पहुंचाती हैं।

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उनका कहना था कि सरकार द्वारा वलमार्ट को स्वीकृति देने से एक और सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को क्षति पहुंचती है वही देश के थोक एवं खुदरा व्यापारियों के लिए आत्मघाती कदम है प्रदेश के समस्त व्यापारी इस व्यापारीघाती कदम को विरोध करते हैं। प्रदेश के छोट-छोटे दुकानदारों एवं डिस्ट्रीब्यूटर एवं रिटेलर्स ने विभिन्न बैंकों से अपने व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऋण लिए हुए हैं लेकिन वालमार्ट खुल जाने से वे बाजार में मूल्य प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे और व्यापार ठप हो जाएगा बैंकों का एनपीए बढ़ जाएगा, लोग भुखमरी की ओर अग्रसर होंगे और देश एवं प्रदेश के समस्त जनता इससे प्रभावित होगी।
वार्ता में मुख्य रूप से मण्डल के संरक्षक बाबूलाल गुप्ता, प्रदेश कोषाध्यक्ष एनसी तिवारी, जीएसटी प्रभारी राजेश अग्रवाल, जिलाध्यक्ष विपिन गुप्ता, जिलामहामंत्री हर्षवर्द्धन पाण्डे, नवनीत राणा आदि व्यापारी नेता मौजूद थे।

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प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल की चरणबद्ध प्रदेश व्यापी आन्दोलन की रूपरेखा:
31 अगस्त को प्रदेश के समस्त जिला मुख्याल स्तर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा।
1 से 6 सितंबर तक विभिन्न जिलों में क्रमवार धरना प्रदर्शन किया जाएगा
1 सितंबर को नैनीताल, काशीपुर एवं उत्तरकाशी में
2 सितंबर रुड़की, हरिद्वार उधमसिंह नगर
3 सितंबर पिथौरागढ़, चंपावत अल्मोड़ा
4 सितंबर बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग
5 सितंबर रानीखेत, श्रीनगर टिहरी और पौड़ी में
6 सितंबर को देहरादून यमुना घाटी, ऋषिकेश में
7 सितंबर को हल्द्वानी, देहरादून हरिद्वार में प्रदर्शन
10 सितंबर को प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा भावी रणनीति की घोषणा की जाएगी।

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