
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सनातन धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। रुद्राक्ष प्रकृति का एकमात्र ऐसा फल है, जो अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति में लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्र से गिरने वाले जल की बूंदों से बना है। रुद्राक्ष धारण करने वाले को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष पहनने से भी नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है। साथ ही जिस घर में नियमित रूप से रुद्राक्ष की पूजा की जाती है, वहां कभी भी धन और अन्न की कमी नहीं होती है, वहां हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है। आइए जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने से क्या-क्या फायदे होते हैं।





एक सिर वाला रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ माना जाता है। उन्हें सभी उपलब्धियों का दाता कहा जाता है। जहां वे रहते हैं, वहां अष्टसिद्धि और नवसिद्धि रहते हैं। जो एक नुकीले रुद्राक्ष को धारण करता है वह इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करता है।
दोमुखी रुद्राक्ष
दोमुखी रुद्राक्ष को अर्धनारीश्वर का एक रूप कहा जाता है। इसे धारण करने वाले को माता पार्वती और शिव दोनों की कृपा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि का स्वरूप है, इसे धारण करने से अग्नि देवता सदैव प्रसन्न रहते हैं। इसे धारण करने से ओज और ऊर्जा की वृद्धि होती है। वह जाने अनजाने में अतीत में किए गए सभी पापों का नाश करने वाला है।
चार सिर वाला रुद्राक्ष
चारमुखी रुद्राक्ष चतुरणन ब्रह्मा का एक रूप है। इसे धारण करने से सदैव ब्रह्मा जी की कृपा प्राप्त होती है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति धन से संपन्न होता है। साथ ही इस रुद्राक्ष को बुध का प्रतीक माना जाता है। यह लिखने की शक्ति और बोलने की शक्ति को भी बढ़ाता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष
पांच मुखी रुद्राक्ष शिव का ही एक रूप है। यह रुद्राक्ष अशुभ दोषों को दूर करने में सक्षम है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस रुद्राक्ष को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक विकास के लिए धारण करना चाहिए।
छह मुखी रुद्राक्ष
छह-नुकीले रुद्राक्ष समूह को कार्तिकेय का माना जाता है। इसे धारण करने से भय से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही बल और वीर्य में वृद्धि होती है। शत्रुओं से परेशान लोगों के लिए भी यह रुद्राक्ष लाभकारी माना जाता है।
सप्तमुखी रुद्राक्ष
सप्तमुखी रुद्राक्ष को सप्तमातृका का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ता है और शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है।
अष्ट मुखी रुद्राक्ष
अष्टमुखी रुद्राक्ष को अष्टमातृका का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष मां गंगा को बहुत प्रिय है। इसे धारण करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। यह रुद्राक्ष राहु का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से राहु के सभी अशुभ प्रभावों को दूर किया जा सकता है।
नौ सिर वाला रुद्राक्ष
नौमुखी रुद्राक्ष नवशक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा बनी रहती है और यमराज और मृत्यु का भय दूर हो जाता है। इस रुद्राक्ष को केतु का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से केतु के सभी अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है।
12 और 14 मुखी रुद्राक्ष
बारामुखी और चौदामुखी रुद्राक्ष को भगवान और शिव का रूप माना जाता है। इसे धारण करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती और सुख-शांति बनी रहती है। ज्यादातर धार्मिक गतिविधियां उनके घरों में ही होती हैं।

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