समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। यह तो हम सब जानते होंगे कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम और माता सीता ने चौदह वर्ष का वनवास किया था। माता सीता एक राजकुमारी थी लेकिन उनके पति को वनवास मिलने पर वो भगवान राम के साथ 14 वर्ष का वनवास करने के लिए तैयार हो गई थी और उनका रावण द्वारा हरण करने पर श्रीराम ने लंका पर आक्रमण कर दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम और माता सीता की विवाह के समय आयु क्या थी, गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरित मानस में एक दोहा है जहां वर्णन किया गया है कि..
‘वर्ष अठारह की सिया, सत्ताइस के राम’ कीन्हों मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम
गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार भगवान राम और माता सीता के बीच 9 साल का अंतर था, वहीं वाल्मीकी रामायण में वर्णन किया गया है कि भगवान राम और उनकी पत्नी सीता माता के बीच सात साल और एक महीने का अंतर है। माना जाता है कि जब भगवान राम सात वर्ष के थे तब एक महीने बाद माता सीता जी प्राकट्य हुआ था।
- वाल्मीकी रामायण के अनुसार राजा दशरथ की तीन पत्नियां कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी के अलावा उनकी 300 पत्नियां थी। और उन्हें को साठ हजार साल की में संतान की प्राप्ति हुई थी। बताया जाता है कि माता सीता और भगवान राम के विवाह के समय रामजी की आयु सिर्फ 14 साल थी, जबकि सीताजी की सिर्फ 6 साल की थीं. विवाह के बाद 12 वर्षों के तक अयोध्या में रहे।
इसके बाद माता कैकेया के वचन के अनुसार उन्हें 14 वर्षों का वनवास भोगने के लिए वन जाना पड़ा। उस समय माता सीताजी 18, राम जी 26 साल के हो गए थे। जब वे वनवास से लौटे तो सीता की आयु 32 और रामजी की उम्र 40 हो गई थी। मान्यता है कि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस दिन पूरे विधिविधान से पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है।
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