भारत का एक मात्र मंदिर जहां भगवान शिव के एक मुख (एकानन) की पूजा होती है। गोपेश्वर (जिला चमोली, उत्तराखंड)में स्तिथ ये भगवान शिव का मंदिर प्राकृतिक छटा से परिपूर्ण है। २२ किलोमीटर की दुरगम यात्रा करने के बाद जब आप यहां पहुंचते हैं तो इस रमणीक ,पावन और अदभुत शिव भूमि को देखकर आप आत्मविभोर हो जाते हैं,ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप भोले बाबा की गोद में बैठे हैं। मुझे मेरे मित्र नीतीश बिष्ट के साथ यहां जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
अगर आप भी इस स्वर्ग तुल्य स्थान के दर्शन करने की सोच रहे हैं,तो मैं आपसे आग्रह करूंगा की यात्रा शुरू करने से कुछ दिन पहले आप शारीरिक और मानसिक रूप से अपने आप को तैयार कीजिए,रोजाना कुछ मील की पैदल यात्रा कीजिए और प्राणायाम कीजिए। ये दोनों अभ्यास आपको महादेव के दर्शन करने में सहयोग करेंगे। ट्रेकिंग की इच्छा रखने वाले मित्रों के लिए भी ये एक बेहतरीन विकल्प है। अंत तो महादेव की गाथा का है ही नहीं पर अपनी बातों पर विराम लगाते हुए मैं कहना चाहूंगा की , नौला इंडिया की जल को संचय करने की और निर्जीव पड़े जल स्रोतों को फिर से जीवित करने के जो प्रयास हैं , मैं उसकी हृदय से सराहना करना चाहूंगा और सभी मित्र गणों से इस मुहिम को सफल बनाने की प्रार्थना करूंगा। अंतिम शब्द: “प्राणी के प्राणों को प्राण देता है जल” “जल ना रहा तो, ना प्राण रहेंगे,ना प्राणी रहेंगे ना रहेगा ये सुंदर कल”|
“लेख: भूपेंद्र सिंह अधिकारी”।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440
Extremely well written story. It will imspire me to visit the place. Keep posting such articles Bhupendra.
आपके प्रोत्साहन का मैं आभारी हूं। मैं कोशिश करूंगा की आगे भी आपको ऐसी जानकारियां प्राप्त होती रहें।धन्यवाद।