कौन से ग्रह स्वास्थ्य खराब करते हैं स्वस्थ्य रहने के लिए क्या उपाय करें

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। कुंडली में किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और बीमारियों से संबंधित समस्याओं का निर्धारण ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की स्थिति, योग, और दशा के आधार पर किया जाता है। हालांकि सभी ग्रह अलग-अलग प्रभाव डालते हैं, लेकिन कुछ ग्रह और उनकी स्थिति विशेष रूप से शरीर में बीमारियों और समस्याओं का संकेत दे सकते हैं।

अशुभ ग्रह और उनका प्रभाव
शनि

  • शनि के अशुभ प्रभाव से शरीर में पुरानी बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे जोड़ों का दर्द, हड्डियों की समस्या, और मानसिक तनाव।
  • यदि शनि छठे, आठवें, या बारहवें भाव में हो और अशुभ हो, तो यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

राहु

  • राहु भ्रम, मानसिक अशांति, और विषाक्तता से संबंधित रोग देता है।
  • यदि राहु स्वास्थ्य भाव (छठा, आठवां, या बारहवां) में हो और अशुभ हो, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है।
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केतु

  • केतु का अशुभ प्रभाव त्वचा रोग, अनिद्रा, और रहस्यमय बीमारियों का कारण बनता है।
  • यह मानसिक और आध्यात्मिक अस्थिरता भी उत्पन्न कर सकता है।

मंगल

  • यदि मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो यह दुर्घटनाओं, चोटों, और खून से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
  • मंगल का अशुभ प्रभाव हाई ब्लड प्रेशर और सूजन जैसी समस्याएँ भी देता है।

चंद्रमा
यदि चंद्रमा कमजोर या अशुभ हो, तो यह मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
इससे जल से संबंधित रोग, जैसे अस्थमा और श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

सूर्य
सूर्य के अशुभ प्रभाव से आँखों की समस्या, हृदय रोग, और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं।

अशुभ योग जो स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं
ग्रहराज योग

यदि कई पाप ग्रह (शनि, राहु, केतु, मंगल) एक ही भाव में हो, तो यह स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न करता है।

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पाप-कर्तरी योग
यदि शुभ ग्रह के चारों ओर पाप ग्रह हों, तो यह अशुभ प्रभाव डालता है।

मारक ग्रह
दूसरे और सातवें भाव के स्वामी यदि अशुभ हों, तो वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।

उपाय
शनि और राहु के लिए

  • हनुमान जी की उपासना करें।
  • शनि के लिए सरसों का तेल दान करें।

केतु के लिए

  • गणेश जी की पूजा करें।
  • तिल और गुड़ का दान करें।

मंगल के लिए

  • मंगलवार का व्रत करें।
  • रक्तदान करें।

चंद्रमा के लिए

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ।
  • सोमवार का व्रत रखें।

सूर्य के लिए

  • सूर्य को अर्घ्य दें।
  • तांबे के बर्तन में जल चढ़ाएँ।

कुंडली का गहराई से अध्ययन किसी अच्छे ज्योतिषी से कराना चाहिए, क्योंकि व्यक्तिगत कुंडली में ग्रहों का प्रभाव भिन्न-भिन्न होता है।

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