समाचार सच, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, विख्यात योगगुरू स्वामी रामदेव जी और अन्य पूज्य संतों ने नाथद्वारा, राजस्थान में आयोजित मोरारी बापू की 906 वीं श्री रामकथा के उद्घाटन अवसर पर सहभाग कर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया। श्री रामकथा के दौरान आज विश्व की अद्धितीय शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम्’ के लोकार्पण किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान पीढ़ियों में संस्कारों के रोपण लिये कथाओं के रूप में ज्ञान के भण्डारे; ज्ञान के लगंरों की अत्यंत आवश्यकता है। कथायें हमें अपनी संस्कृति, संस्कार, मूल और मूल्यों से जोड़ती है। स्वामी जी ने कहा कि भगवान श्री राम जी की कथा सांस्कृतिक तथा धार्मिक विविधता युक्त समाज को एकता के सूत्र में बांधने का सर्वाेत्तम माध्यम है। ’विश्वास स्वरूपम्’ का लोकर्पण ऐतिहासिक, धार्मिक तथा सांस्कृतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस माध्यम से भारतीय संस्कृति, सनातन संस्कारों का संरक्षण होगा तथा युवा पीढ़ियों को अतीत के झरोखे से परिचित करायेगी। इस दिव्य स्थल का भ्रमण कर श्रद्धालु मानसिक एवं आध्यात्मिक शांति प्राप्त करेंगे, यह केन्द्र जनजागरूकता, एकता एवं अखण्डता का पवित्र केन्द्र बनेगा। इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है प्रकृति के प्रति उदारतापूर्ण व्यवहार जो हमारी भारतीय संस्कृति का मूल भी है। भारतीय संस्कृति के जो आधारभूत मूल्य हैं संवेदना, सद्भाव, दया, करूणा, प्रेम, शांति, सहिष्णुता इन मूल्यों का प्रयोग हमें अपनी प्रकृति के साथ करना होगा और मुझे विश्वास है यह केन्द्र इसका परिचायक सिद्ध होगा। योगगुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि इस दिव्य और भव्य शिव जी की मूर्ति की स्थापना हेतु आयोजकों को साधुवाद दिया।
मोरारी बापू ने आज मानस कथा के उद्घाटन अवसर पर कहा कि जो संसार मे रहते हुए भी तपस्वी का सा जीवन जिये वही शिवत्व है। उन्होंने कहा कि कथा के श्रवण मात्र से सिद्धि नहीं होती बल्कि वैसा आचरण करना सिद्धिदायक होता है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री, राजस्थान अशोक गहलोत, राजस्थान भाजपा के राज्य प्रदेश अध्यक्ष सतीश सुभाष चन्द्र पूनियां, नगरीय विकास एवं आवासन, स्वायत्त शासन, संसदीय कार्य मंत्री, राजस्थान सरकार शांति कुमार धारीवाल, कृषि मंत्री राजस्थान सरकार लालचंद कटारिया, सहकारिता मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव जी, मंत्री धर्मेन्द्र सिंह राठौर, मंत्री रघु शर्मा और अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया। इस अद्धितीय कार्य और ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ की कल्पना को साकार करने के लिये स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आयोजक मदन पालीवाल को साधुवाद देते हुये रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया।
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