समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आधुनिक समय में बढ़ते प्रदूषण और तनाव के कारण स्वस्थ रहना बहुत मुश्किल है लेकिन इसके बावजूद जीवन में दैनिक दिनचर्या और खान-पान को संतुलित करके आप काफी हद तक स्वस्थ रह सकते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए डॉ. नन्दलाल जिज्ञासु के ये उपाय करके आप स्वस्थ रह सकते हैं।


ये 20 उपाय
- खड़े होकर पानी पीना और मूत्र त्याग करना दोनों हानिकारक हैं। इससे शरीर में जोड़ों के रोग उभरते हैं जो आगे चलकर आर्थराइटिस का रूप लेते हैं।
- नहाने और सोने के पहले और भोजन के बाद मूत्र त्याग अवश्य करें। यह अनावश्यक गर्मी, कब्ज और पथरी से बचा सकता है।
- फल, दूध से बनी मिठाई, तैलीय पदार्थ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
- भोजन के बाद स्नान करने से पाचन शक्ति मंद हो जाती है, इसी प्रकार भोजन के तुरंत बाद मैथुन, बहुत ज्यादा परिश्रम करना एवं सो जाना पाचनशक्ति को नष्ट करता है।
- दूधयुक्त चाय और नमकीन आजकल बढ़ रहे चर्म रोगों और पेट के रोगों का सबसे बड़ा कारण है।
- कसी हुई टाई बाँधने से आँखों की रोशनी पर प्रभावित होती है।
- अत्यधिक फ्रीज किये हुए ठन्डे पदार्थों के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है।
- नहाने की शुरुआत सिर से करें, बाल न धोने हो तो मंुह पहले धोये। इसके अलावा पैरों पर पहले पानी डालने से गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और आँख मस्तिष्क आदि संवेदन शील अंगो को क्षति होती है।
- कम से कम 7 घंटे की नींद अवश्य लें क्योंकि अधिक रात्रि तक जागने से प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है।
- सिगरेट,तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से प्रत्येक बार मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती है इनका पुनर्निर्माण कभी नहीं होता।
- मुंह की सफाई करते समय आखों को अवश्य धोना चाहिए अन्यथा मुंह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी।
- अधिक झुक कर पढ़ने से फेफड़े, रीढ़,और आँख की रोशनी पर बुरा असर होता है।
- कभी भी एक बार में पूर्ण रूप से मूत्रत्याग न करें बल्कि रूक रुक कर करें, ये थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन यह नियम स्त्री पुरुष दोनों के लिए है। ऐसा करके प्रजनन अंगों से सम्बंधित शिथिलता से आसानी से बचा जा सकता है।
- नहाने के कुछ पहले एक गिलास सादा पानी पियें। यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बहुत हद तक दूर रखेगा।
-भोजन के प्रारम्भ में मीठा, बीच में खट्टा, नमकीन तथा आखिर में तीखा, चटपटा, कसैला रस के पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है। भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें।
- भोजन के बाद हाथ धोकर गीले हाथ आँखों पर लगायें। यह आँखों को गर्मी से बचाएगा।
- रोजाना सुबह उठकर व्यायाम, योग आदि करें।
- मल, मूत्र, खांसी, छींक अपानवायु, जम्हाई वमन, आंसू आदि कुल 13 अधारणीय वेग बताये गये हैं इनको कभी भी न रोकें। इनको रोंकना गंभीर रोगों के कारण बन सकते हैं।
- रात्रि शयन से पूर्व परमात्मा को धन्यवाद अवश्य दें। चाहे आपका दिन कैसा भी बीता हो. दिन भर जो भी कार्य किये हों उनकी समीक्षा करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनायें अब गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करने का प्रयास करे।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440