एमबीपीजी कालेज में 4-जी इंटेनरट कनेक्टिविटी का शुभारंभ

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-राज्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत व नेता प्रतिपक्ष डॉ0 इन्दिरा हृदयेश ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया उदघाटन
-राज्य के प्रत्येक कॉलेज में 10 मार्च तक शत-प्रतिशत फैकल्टी हो जायेगी: रावत
-विद्यार्थियों का टैक्नोलोजी का ज्ञान होना बहुत जरूरी: डॉ0 हृदयेश

समाचार सच, हल्द्वानी। एमबी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 4जी इण्टरनेट कनैक्टीविटी कार्यक्रम का शुभारंभ उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकॉल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.धन सिंह रावत व नेता प्रतिपक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक डॉ0 इन्दिरा हृदयेश ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया।
डॉ. रावत ने कहा कि ऑडिटोरियम के लिए सभी आवश्यक सामान उपलब्ध कराया जायेगा तथा सभी तैयारिया पूरी करवाते हुए फरवरी माह की शुरूआत में मुख्यमंत्री द्वारा ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया जायेगा। प्रत्येक कॉलेज में प्राचार्य दिये है प्रत्येक कॉलेज में 10 मार्च तक शत प्रतिशत फैकल्टी हो जायेगी, प्राध्यापकों की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि 24 डीपीसी की जा चुकी हैं और 25 वी डीपीसी करने जा रहे हैं। एक लाख तेईस हजार बच्चे हमारे कॉलेजों में हैं 29 लाख किताबे बच्चों को दी हैं। आवश्यकता से अधिक किताबों वाले कॉलेजों से मांग अनुसार अन्य कॉलेजों में उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक बच्चे को कम से कम 10 किताबे देने की व्यवस्था की जा रही है, बच्चों को किताबे देने एवं वापस लेने में सरल नियम बनाये जायेगें ताकि बच्चों को परेशानी न हो। प्रत्येक कॉलेज में ई-लाईब्रेरी खोली है। ई-ग्रन्थालय से बच्चा अपने मोबाईल से किताबे पढ़ सकता है। एमबीपीजी कॉलेज में 15 स्मार्ट क्लास दी है। प्रत्येक कॉलेज में कम से कम 5-5 स्मार्ट क्लासे दे रहें है। शतप्रतिशत टीचर्स, बड़े कॉलेजों में 50-50 शौचालय, छोटे कॉलेजों में मानकानुसार शौचालय बनाये जा रहे है। दिव्यांगों के लिए रेम्प की व्यवस्था कर रहे है। शतप्रतिशत लेब, फर्नीचर दे रहे है। सभी कॉलेजो में प्रत्येक खेल का सामान सरकार देने जा रही है। राज्य के 15 कॉलेज में जिम की व्यवस्था दे रहे है। इस साल 20 कॉलेजों के हॉस्टल बनवाने के प्रस्ताव मांगे हैं। कॉलेजों तथा शिक्षा व्यवस्था में कायाकल्प हेतु 14 कम्पोनेंट पर विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। कोई प्राचार्य डीपीसी के बाद नहीं जाता है तो उसको कम्पलसरी रिटायरमेंट दिया जायेगा, जोकि राज्य के हित में है। प्रत्येक टीचर को 5 घण्टे कॉलेज में रहना होगा। बायोमेटिक उपस्थिति टीचर व प्राचार्य की भी लेगेगी। उन्होंने कहा कि महिला डिग्री कॉलेज में सीटे रिक्त रह जाती हैं, जबकि एमबीपीजी कॉलेज में अधिक संख्या में विद्यार्थी आते है। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति के आधार पर महिला डिग्री कॉलेज को को-एजुकेशन के रूप में कन्वर्ट किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लालबहादुर शास्त्री, महिला डिग्री कॉलेज, एमबीपीजी कॉलेज के साथ ही और एक नया महाविद्यालय जमीन मिलने पर हल्द्वानी जरूर खोलेंगे या कैम्पस बनायेंगे। बुद्धिजीवियों से चर्चा कर इन तीन कॉलेजों में से एक कॉलेज में आर्ट्स कॉलेज, दूसरे में कॉमर्स कॉलेज तीसरे को साइंस कॉलेज बना देंगे। एक पीजी कॉलेज अलग से बनायेंगे। एमबीपीजी कॉलेज में चित्रकला विषय खुलवाया जायेगा। 10 व्यवसायिक पाठ्यक्रम भी उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से चलाये जायेगें ताकि बच्चों को तुरन्त रोजगार मिले। मार्च तक शतप्रतिशत कॉलेजों को वाईफाई सुविधा से जोड़ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गैम साईट तथा फिल्म साइट प्रतिबन्धित रहेंगी, केवल वही साइटे उपलब्ध करायी जायेंगी जोकि ज्ञानवर्धक एवं शिक्षा हेतु आवश्यक हों। ऐंसे विद्यार्थी जो रिसर्च करना चाहता है, उन्हें धन की परेशानी है। इसके लिए शोध कार्य हेतु सरकार 1 करोड़ खर्च करेगी। आईएएस,पीसीएस, एनडीए की तैयारी हेतु भी सरकार एक करोड़ धनराशि खर्च करेगी। आर्ट्स, साईन्स, कॉमर्स में विश्वविद्यालय टॉप करने वाले विद्यार्थयों को एक-एक लाख रूपये, द्वितीय स्थान को 75-75 हजार, तृतीय को 50-50 हजार रूपये इनाम दिया जायेगा।
प्रोफेसर तथा असिस्टेण्ट प्रोफेसरों के लिए भक्त दर्शन पुरस्कार शुरू किया है। जिसमें पॉच असिस्टेंण्ट प्रोफेसरों एवं प्रोफेसरों को हर साल सम्मानित करते हैं और उन्हें एक-एक लाख रूपये देते हैं।
इस अवसर पर डॉ.इन्दिरा हृदेश ने कहा टैक्नोलोजी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है, सभी विद्यार्थी आधुनिक तकनीकी का फायदा उठायें। उन्होंने कहा कि हमारे बीच और भी नई-नई तकनीकियॉ आयेंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा एवं ज्ञानार्जन करने तथा विश्विद्यालय का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व विद्यार्थियों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियॉ साझा की।
इस अवसर पर दर्जा मंत्री डॉ.बहादुर सिंह बिष्ट, तरूण बंसल, प्रकाश हरबोला, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ.कुमकुम रौतेला, प्राचार्य डॉ.वीआर पन्त के अलावा डॉ.अनिल डब्बू, दीपक मेहरा, ध्रुव रौतेला, राहुल झिंगरन, भुवन जोशी, गोविन्द ताकुली, गौरव सनवाल, नीरज मेहरा, बहादुर नदगली, चन्द्र प्रकाश तिवारी, कुलदीप कुलियाल, हेम बोरा, मुकेश बोरा, नवीन पन्त, डॉ.गोविन्द पाठक, डॉ.नीरज तिवारी. डॉ.नवल किशौर लोहनी सहित विद्यार्थी आदि उपस्थि थे।

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