नागरिकता कानून का विरोध लेकर हल्द्वानी व देहरादून में धरना-प्रदर्शन
समाचार सच, हल्द्वानी/देहरादून। उत्तराखंड में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी देहरादून और हल्द्वानी में धरना-प्रदर्शन हुआ। गुरुवार को हल्द्वानी के तिकोनिया स्थित बुधपार्क और देहरादून के गांधी पार्क में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), सपा, बसपा व अन्य दलों ने नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
महानगर हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) द्वारा इस कानून के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी कानून लागू करने को देश बांटने की राजनीति कहा गया। वक्ताओं ने कहा कि इस कानून से देश में हिंदू मुस्लिम समुदाय को बांटने की कोशिश की गई है। यह देश हित में उचित नहीं है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जामिया में इस बिल का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा क्रूरता के साथ लाठीचार्ज किया गया। जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। क्या भारत सरकार देश में तानाशाही लाना चाहती है ? सीएए और एनसीआर कानून लागू करके देश की जनता को जाति और धर्म के नाम पर बांटना चाहती है?
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि देश की जनता इस बिल को कभी भी स्वीकार नहीं करेगी। क्योंकि यह बिल देश की जनता के लिए जनहित नहीं बल्कि जाति धर्म के नाम पर बांटने के लिए बनाया गया है। भारत सरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता दे रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर भारत में रहने वाले करोड़ों लोगों से उनकी नागरिकता के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं।
माले राज्य सचिव कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि,ष्नागरिकता का सवाल जनता का मूलभूत अधिकार है इसको कोई छीन नहीं सकता। परन्तु मोदी-शाह की सरकार नागरिकता के सवाल को सांप्रदायिक जामा पहनाकर देश की साझी शहादत-साझी विरासत को छिन्न भिन्न करना चाहती है।
क्रांतिकारी लोकअधिकार संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष पी पी आर्य ने कहा, नागरिकता का अधिकार सार्वभौमिक अधिकार है। यह अधिकार किसी ने मजदूर किसान और मेहनतकश जनता को खैरात में नहीं दिया है। यह संघर्ष के बल पर हासिल हुआ है इसलिए इसको कोई छीन नहीं सकता है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे छात्रों के आंदोलन का हम खैरमकदम करते हैं और मांग करते हैं कि सीएए और एनआरसी को देश की जनता पर थोपने की फासीवादी कोशिश बन्द की जाय।
प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, बहादुर सिंह जंगी, क्रालोस के नसीम,आनन्द पाण्डे, ऐपवा की विमला रौथाण, प्रगतिशील महिला केंद्र की रजनी जोशी,पछास के महेंद्र, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी आर टम्टा, सुंदर लाल बौद्ध, विरेश कुमार, भीम फोर्स के नफीस अहमद खान, नगरनिगम पार्षद शकील अंसारी, पूर्व पार्षद शकील सलमानी, इन्द्रानगर जनविकास समिति के तस्लीम अंसारी, सरताज आलम, गुर्जर नेता उमरदीन, अरबाज खान, मोहम्मद इस्लाम, रमेश ब्रिजवाल, डॉ उमेश चंदोला, ललित मटियाली, गोपाल गड़िया, राजेन्द्र शाह, मोहन मटियाली, बचन सिंह, एन डी जोशी आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने किया।
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