समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। अक्सर लोग रोजमर्रा की बिजी लाइफ को अपनी थकान का कारण मानते हैं। एमपी मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और कार्डियक एक्सपर्ट डॉ. आर. एस. शर्मा का कहना है कि आजकल की लाइफस्टाइल में लोगों को खुद के लिए समय नहीं मिल पा रहा है और व्यस्तता के चलते थकान बनी रहती है लेकिन हमेशा थकान महसूस करने की वजह कुछ गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।


कैसे दूर करें थकान?
डॉ. शर्मा का कहना है कि थकान से बचने के लिए अपने रूटिन में बदलाव करें। पूरी नींद लें, अपनी सोशल एक्टिविटीज को थोड़ा कम करें और अपने लिए भी समय निकालें। साबुत अनाज ज्यादा खायें, ज्यादा से ज्यादा पानी पियें, कैफीन और अल्कोहल से दूर रहें। अगर इसके बाद भी आप थकान महसूस करते हैं तो आपको डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। हमेशा थकान बने रहने की प्रॉब्लम को बिलकुल इग्नोर नहीं करना चाहिए।
हमेशा थकान महसूस करने की वजहें-
एनीमिया-
एनीमिया यानि आम बोलचाल की भाषा में जिसे खून की कमी कहते हैं, हमेशा थकान लगने का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है। खून में लाल रक्त कणों यानी रेड ब्लड सेल्स की कमी आपके शरीर को थकाती है, दरअसल इन ब्लड सेल्स का काम आपके फेफड़ों से आक्सीजन लेकर कोशिकाओं तक पहुंचाना है। इनकी कमी से आपको जल्द थकावट और हांफने की प्रॉब्लम हो सकती है। एनीमिया होने के भी कई कारण हैं। शरीर में विटामिन और आयरन की कमी, किसी भी कारण से शरीर में खून कम होना, आंतरिक रिसाव या फिर कोई गंभीर बीमारी जैसे गठिया, कैंसर या फिर किडनी फेलियर। गर्भवती महिलाओं में अक्सर रक्ताल्पता यानि एनीमिया की समस्या देखी जाती है।
एनीमिया के लक्षण-एनीमिया के कारण थकान बनी रहती है, नींद ठीक से नहीं आती, दिल जोर-जोर से धड़कता रहता है, छाती और सिर में दर्द बना रहता है। थोड़ी सीढ़ियां चढ़ने या फिर पैदल चलने में ही सांस फूल जाती है।
थाइरॉयड की बीमारी-
थाइरॉयड की बीमारी थकान का एक बड़ा कारण है। जब आपके थाइरॉयड हॉरमोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है तो फिर आप थोड़े से काम में ही थकने लगते हैं। थाइरॉयड ग्लैंड गले के सामने के हिस्से में मौजूद होता है जो शरीर के मेटाबालिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्माेन्स रिलीज करता है। अगर ये हॉर्माेन्स ज्यादा रिलीज होते हैं तो मेटाबालिज्म की स्पीड बढ़ जाती है इस कंडीशन को हायपरथाइरॉयडिज्म कहते हैं। हॉर्माेन्स कम रिलीज होने पर मेटाबालिज्म की स्पीड कम हो जाती है जिसे हायपोथाइरॉयडिज्म कहा जाता है।
थाइरॉयड प्रॉब्लम के लक्षण-
हायपरथाइरॉयडिज्म –
इसके कारण बॉडी की मसल्स में थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। सबसे पहले थाईज यानि जांघों पर असर होता है। सीढ़ियां चढ़ना और साईकिल चलाना जैसी मामूली कवायद भी भारी लगने लगती है।कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं जिनमें अचानक वजन कम होना, हमेशा बुखार महसूस होना, दिल की धड़कनें हमेशा बढ़ी रहना, प्यास ज्यादा लगना।
किन्हें हो सकता है हायपरथाइरॉयडिज्म ?
हायपरथाइरॉयडिज्म की शिकायत 20 से 30 साल की महिलाओं में बेहद आम है। हालांकि ये उम्रदराज महिलाओं और पुरुषों में भी हो सकता है।
हायपोथाइरॉयडिज्म-
इसके कारण थकान, काम में मन न लगना, थोड़ी सी मेहनत में ही शरीर टूटने जैसा अहसास होना जैसे लक्षण हो सकते हैं। अचानक वजन बढ़ जाना, गर्म मौसम में भी ठंड का अहसास होना और कब्ज भी हायपोथाइरॉयडिज्म के लक्षण हैं।
किन्हें हो सकता है हायपोथाइरॉयडिज्म?
हायपोथाइरॉयडिज्म की बीमारी 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है ।
डायबिटीज-
हर साल दस लाख से ज्यादा लोगों में टाइप -2 डायबिटीज डायग्नोज हो रही है लेकिन इससे भी कहीं बड़ी संख्या उन लोगों की है जिन्हें ये बीमारी है और उन्हें पता भी नहीं है। शरीर की मशीन को चलाने के लिये ग्लूकोज या जिसे आम भाषा में शुगर कहा जाता है, ईंधन का काम करती है। टाईप -2 डायबिटीज के मरीज अपने शरीर में बन रहे ग्लूकोज का पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं जिससे ये खून में घुलकर थकान पैदा करता है। ज्यादा थकान होना डायबिटीज होने के खतरे की घंटी भी हो सकता है।
क्या होते हैं डायबिटीज के लक्षण ?
जल्दी थकान के अलावा ज्यादा प्यास और पेशाब लगना। ज्यादा भूख लगना, वजन में कमी, शरीर में खुजली जैसे इन्फेक्शन होने के अलावा धुंधला दिखाई देना डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।
डिप्रेशन-
आजकल की जिंदगी में डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है और ये थकान का एक बहुत बड़ा कारण है। डिप्रेशन महज निराशा या अवसाद की स्थिति नहीं है बल्कि ये एक बीमारी है जिससे दुनिया के कई जाने माने लोग पीड़ित हो चुके हैं। डिप्रेशन के कारण मरीज की भूख, प्यास, नींद पर असर पड़ता है और ये लक्षण कई दिनों बल्कि सालों तक बने रह सकते हैं।
क्या होते हैं डिप्रेशन के लक्षण ?
हर बार डिप्रेशन के हर पेशेंट के लक्षण एक समान नहीं होते लेकिन आमतौर पर डिप्रेशन के कारण शरीर में एनर्जी की कमी, सोने और खाने की आदतों में बदलाव, याददाश्त में कमी आना और नेगेटिव विचार आना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
आर्थराइटिस या गठिया वात-
आर्थराईटिस की बीमारी कई बार शुरुआती दौर में डायग्नोज नहीं हो पाती लेकिन शरीर में थकान खासतौर पर जोड़ों में दर्द का कारण आर्थराईटिस हो सकता है। शरीर के हैल्दी टिशूज पर आर्थराइटिस का अटैक हड्डियों और कोशिकाओं को भी गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
र्क्या हैं आर्थराइटिस या गठिया वात के लक्षण ?
आर्थराईटिस के कारण बॉडी में एनर्जी की कमी महसूस होना, थकान लगना, भूख न लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
कमजोरी-
शारीरिक कमजोरी थकान का बहुत बड़ा कारण है। कमजोरी के कारण रोजमर्रा के कामों में भी तकलीफ होती है और जल्द थकान हो जाती है। शरीर में बीमारी या अन्य कारणों से कमजोरी आ जाती है और हमेशा थकान बनी रहती है।
क्या हैं कमजोरी के लक्षण?
शारीरिक कमजोरी के कारण थकान के अलावा सिर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, काम में मन न लगना जैसे लक्षण हो सकते हैं।
स्लीप एप्निया ( नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत) –
अगर आप सुबह उठकर फ्रेश महसूस नहीं करते बल्कि ज्यादा देर सोने के बावजूद थकान महसूस करते हैं तो आपको स्लीप एप्निया की प्रॉब्लम हो सकती है। स्लीप एप्निया वो बीमारी है जिसमें नींद के दौरान कुछ पलों के लिये आपकी सांस रुक जाती है। स्लीप एप्निया की गंभीर स्थिति में एक रात में एक दर्जन या फिर सैकड़ों बार भी आपकी सांस थोड़ी देर के लिये रुक सकती है। जिसके कारण आप घबरा कर उठ जाते हैं और फिर सांस लेना शुरु करते हैं। खर्राटे लेने वालों के लिये स्लीप एप्निया एक आम समस्या है।
क्या हैं स्लीप एप्निया के लक्षण ?
खर्राटों के साथ शुरु होने वाली स्लीप एप्निया की बीमारी के चलते सुबह उठने के बाद थकान और कमज़ोरी महसूस होती है। इसके कारण दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक तक हो सकता है और इसको लेकर बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिये।




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