समाचार सच, हल्द्वानी (सीनियर रिपोर्टर-कुलदीप सिंह)। लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इन्हीं शब्दों को चरितार्थ कर रहे हैं हल्द्वानी महानगर के काठगोदाम में रहने वाले कलाकार पंछी लाल। पंछी लाल बांस से बनने वाली टोकरी से लेकर झोपड़ी तक सब बनाते हैं।
उनका कहना है कि यह कला उन्होंने अपने पिता श्री राम अवतार और दादा से विरासत के तौर पर प्राप्त की है। पंछी लाल ने गौलापार, बेरीनाग, बागेश्वर, भुजियाघाट, लामाचौड़ समेत भीमताल में भी कार्य किया है। बांस की हट, ट्री हाउस और मैट को पंछी लाल बड़ी कुशलता के साथ बनाते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के वक्त में उन्हें लगभग ना के बराबर आर्डर मिले। वर्तमान में बड़ी मुश्किल से उनकी रोजी-रोटी पुनः शुरू हो पाई है। पंछी लाल के साथ 7-8 लोगों का समूह बांस से अलग-अलग कलाकृतियां बनाने का कार्य करते हैं। काठगोदाम मुख्य मार्ग पर गुरुद्वारे के पास बनी पंछी कारीगर की यह दुकान लगभग 8 वर्ष पुरानी है।
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