समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। गर्म पानी पीना सिरदर्द में जितना लाभदायक है उतना ही पानी से नहाना या गीली पट्टी आदि का प्रयोग करना भी सिरदर्द में लाभ पहुंचाता है। सिरदर्द से राहत पाने के लिए गर्म व ठण्डे पानी, दोनों का उपयोग किया जाता है। गर्म गुनगुना पानी न केवल शरीर के रोम छिद्रों को खोलता है, बल्कि कसी व जमी हुई रक्त नलिकाओं को भी ढीला करता है जिससे शरीर के साथ – साथ मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह ठीक हो जाता है। नसों में तनाव हल्का होने लगता है और सिरदर्द में आराम मिलने लगता है। गुनगुने पानी से नहाने के बाद यदि आप ठण्डे पानी से नहाते हैं तो यह ठण्डा पानी न केवल आपके खुले रोमछिद्रों को बंद कर देता है बल्कि आपकी रीढ़, मस्तिष्क व पूरे स्नायु तंत्र को भी दुरूस्त करता है। गरम-ठण्डे पानी की यह विधि तनाव, सिरदर्द, माईग्रेन, चिंता व अनिद्रा आदि रोगों में बहुत कारगर है।
ध्यान रहे गर्म व ठण्डे पानी का तापमान उतना ही रखें जितना सरलता से सहन हो। जरूरत से ज्यादा गर्म व जरूरत से ज्यादा ठण्डे पानी का प्रयोग न करें। क्रम गर्म के बाद ठण्डे पानी का हो, ठण्डे के बाद गर्म का न हीं। आप चाहें तो नहाने के बजाए आप गर्म-ठण्डी पट्टी का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप तौलिए या पट्टी को गर्म पानी में भिगाएं और फिर रोगी के, चेहरे माथे, सिर एवं गर्दन या दर्द वाहे हिस्से पर 15-20 मिनट तक रखते रहें फिर इसी क्रिया को ठण्डे पानी से दुहराएं यानी पहले गर्म पानी की पट्टियांे का सेक दें। किसी एक के प्रयोग से ही रोगी को त्वचा में जलन की शिकायत हो सकती है, इसलिए गर्म व ठण्डे पानी का प्रयोग बताया जाता है।
नाड़ियों एवं कोशिकाओं को शिथिल व शरीर में रक्त को उपयुक्त रूप से संचारित करने के लिए आप अपने पंजों को पिंडलियों तक, सहनीय गर्म पानी में डालकर भी रख सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए आप पानी में एक चम्मच सरसों के पाउडर को मिला लें और आधे घण्टे तक इस पानी का सेक अपने ऐड़ी एवं पंजों को दें और फिर देखें कैसे सिरदर्द मिनटों में दूर होता है।

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