स्वास्थ्यकर्मियों से मारपीट करने वाले सावधान, हो सकती है सात साल की सजा

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-केन्द्र सरकार ने लिया अध्यादेश लाने का फैसला
-कोरोना बीमारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मी से मारपीट करने पर हो सकती है सख्त सजा

समाचार सच, हल्द्वानी/दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि सरकार स्वास्थ्यकर्मियों के साथ हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को 3 महीने से 5 साल की सजा होगी। वहीं, गंभीर हमले पर 6 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उन पर 50 हजार से लेकर 2 लाख तक के जुर्माने का भी नियम बनाया गया है। वहीं सरकार के इस निर्णय पर आईएमए ने 23 अप्रैल को ब्लैक डे मनाने का प्रस्ताव वापस लेने का ऐलान किया है।

जावड़ेकर ने कहा कि इस तरह का अपराध गैर जमानती होगा। यह संज्ञान लेकर । 30 दिन में इसकी जांच पूरी होगी। सीनियर लेवल का इंस्पेक्टर मामले की जांच करेगा। जावड़ेकर ने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख तक का बीमा भी होगा। इसके अलावा संपत्ति के नुकसान पर दोगुना जुर्माना लगाया जाएगा।

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गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के खिलाफ 23 अप्रैल को ब्लैक डे का ऐलान किया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने स्थितियों की निगरानी के लिए अलग-अलग 6 मंत्रालयों की टीम बनाई। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को आईएमए के डॉक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। शाह ने गंभीर समय में डॉक्टरों की भूमिका की तारीफ की। उन्होंने डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा का भरोसा देते हुए गुरुवार को होने वाले सांकेतिक प्रदर्शन को टालने की अपील की। इसके बाद आईएमए ने विरोध वापस लेने का ऐलान किया।

अध्यादेश पर क्या बोले हल्द्वानी के डाक्टर्स:

एसोसियशन ऑफ मेडिकल स्पेशलिस्ट के चेयरमैन व वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ0 जे0एस0 खुराना का कहना है कि हालांकि सरकार की यह पहल सराहनीय है। लेकिन हम इससे पूर्णतः सन्तुष्ट नहीं हूं। सरकार को इसके लिए शीघ्र ही कानून बनाना चाहिए।

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आईएमए हल्द्वानी के अध्यक्ष व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ0 अजय पांडे का कहना है कि यह पहल सराहनीय है। हम सरकार के निर्णय का स्वागत करते है। आईएमए की यह मांग पुरानी है। सरकार को इस बारे में कदम उठाना चाहिए।

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ फिजीशियन डा0 नीलाम्बर भट्ट का कहना है कि यह मांग पुरानी है। सरकार को इसके लिए कड़ा कदम उठाना चाहिए और इसे कानून का रूप देना चाहिए।

आईएमए के हल्द्वानी इकाई के सचिव एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ0 पुनीत अग्रवाल का कहना है कि सरकार की इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिए। आईएमए की मांग है कि इस अध्यादेश को शीघ्र कानूनी रूप देना चाहिए।

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