BJP government committed to uniform civil law for 125 crore people of Devbhoomi: Chouhan
समाचार सच, देहरादून। भाजपा ने यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक का विरोध करने पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उनका तुष्टिकरण का चेहरा एक बार फिर सामने आया है। यह दल नही चाहते कि राज्य वासियों को समान अधिकार व कानून हासिल हो।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने समान नागरिक संहिता ड्राफ्ट कमेटी द्वारा 25 मई को आयोजित सर्वदलीय बैठक का स्वागत करते हुए कहा है कि सरकार देवभूमि के 1.25 करोड़ लोगों के लिये नागरिक एवं कानूनी अधिकारों में समानता के लिए प्रतिबद्ध है। कॉमन सिविल कोड भाजपा के एजेंडे में शामिल है और कमेटी के समक्ष पार्टी प्रतिनिधि पूरे तथ्यों और तर्कों के साथ पार्टी का पक्ष मजबूती से रखेंगे। उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों की आपत्तियों को बेबुनियाद बताते हुए आरोप लगाया कि एक समुदाय विशेष के अहम की तुष्टि के लिए ये पार्टियां बैठक का विरोध कर रही हैं । कांग्रेस तो राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक रूप में तुष्टिकरण नीति के चलते समान नागरिक सहिंता कानून की कोशिशों का पहले से विरोध करती आई है । ऐसे में कमेटी द्वारा आहूत बैठक में इनके नेता सकारात्मक सुझाव देंगे इसकी उम्मीद पहले ही कम थी, लेकिन बैठक में शामिल होने के बजाय कमेटी से अब तक हुई कार्यवाही और इसी तरह के तमाम बेतुके सवाल व पत्राचार की कोशिशों ने स्पष्ट कर दिया है कि इनके राज्य के नेता भी नही चाहते कि उत्तराखंड में सामाजिक सुरक्षा और शांति के लिए कोई कानून बने।
बैठक में आकर चर्चा के बजाय सवाल जबाब और पत्राचार करने का मकसद सिर्फ ड्राफ्ट की प्रक्रिया का किसी न किसी रूप मे विरोध करना है। चौहान ने कहा कि नमाज के लिए छुट्टी और धर्म विशेष के लिए अलग यूनिवर्सिटी की मंशा रखने वालों से यूसीसी ड्राफ्ट में सहयोग की उम्मीद न के बराबर थी। जनता कांग्रेस के मंसूबो और समुदाय विशेष के प्रति तुष्टिकरण की नीति के तहत झुकाव को भली भाँति जानती है। श्री चौहान ने कहा, जिन लोगों को लगता है कि प्रदेश को ऐसे किसी कानून को बनाने का अधिकार नही है तो उन्हें संविधान के अनुछेद 44 के अध्ययन की जरूरत है जिसमें प्रत्येक राज्य को अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के कानून बनाने का अधिकार है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कानून के मसौदे की घोषणा कर मंशा स्पष्ट कर चुके है। धामी के जो फैसले अन्य राज्यों के लिए नजीर बने हैं उसमे समान नागरिक कानून भी है। इस कानून को लेकर हमारी मंशा स्पष्ट है कि प्रत्येक राज्यवासी को आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक सभी विषयों पर समान कानून व अधिकार मिले। ऐसे में जो राजनैतिक पार्टियां एक खास वोट बैंक को खुश करने के लिए इस ऐतिहासिक कोशिश का विरोध कर रहे हैं उन्हें देवभूमि की महान जनता कभी माफ नही करने वाली है।


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