समाचार सच, ऊधम सिंह नगर। पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि फार्म में प्रतिबंध के बावजूद बड़े पैमाने पर धान की पराली जलाई जा रही है।
गौरतलब है कि हर साल धान कटाई के बाद पराली जलाने की वजह से बड़े पैमाने पर धुआं होने से केंद्र सरकार ने धान की पराली जलाने पर रोक लगा चुकी है। इसके अलावा पंतनगर विश्वविद्यालय भी जब ज़मीन किराए पर देता है तो उसमें शर्त होती है कि पराली जलाई नहीं जाएगी लेकिन बटाई पर खेती करने वाले किसानों को इसकी कोई परवाह नहीं है। उन्नत कृषि और कृषि संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के कृषि फार्म में धान की पराली जलाने का काम जारी है।
हमारे संवाददाता लक्ष्मी प्रसाद डिमरी द्वारा ली गयी जानकारी से पता चला है कि एक व्यक्ति द्वारा खेती हेतु भूमि किराये पर ली गयी है, जिसके द्वारा पराली जलायी जा रही है।
इधर बावत पूछे जाने पर पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के फार्म निदेशक डॉक्टर डीके सिंह कहना है कि खेती को ज़मीन किराए पर देते समय निर्देश दिया जाता है कि पराली जलाना सख्त मना है। डॉ0 सिंह कहना है कि इस मामले के सामने आने के बाद पराली जलाने वाले बटाई दारों को नोटिस जारी किया जाएगा। अगर उनकी ग़लती साबित हो जाती है तो उनका कांट्रेक्ट कैंसिल भी किया जा सकता है।
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