कड़ाके की ठंड में आ सकती है पसलियों में सूजन, सर्दी से बचाव के लिए अपनाएं ये दादी नानी के नुस्खे

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। पूरे उत्तर भारत में इस समय ठंड का कहर है। लगातार बढ़ती ठंड की वजह से मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी कर दिया है। सर्दी-जुकाम के अलावा ठंड लगने से भी बहुत से लोग परेशान रहते हैं। जब तापमान बढ़ने लगता है तो ये दिक्कत और बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा लोग छाती में ठंड लगने की शिकायत करते हैं। दरअसल, इसमें ठंड के कारण फेफड़े और शरीर के दूसरे अंग प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही ये पुरानी बीमारियों जैसे कि ब्रोंकाइटिस और निमोनिया को भी ट्रिगर कर सकता है। इसके अलावा ये आपके फेफड़ों के अंदर पसलियों में भी सूजन पैदा कर सकती है। ऐसे में इस समस्या से बचाव के लिए आप कुछ दादी नानी के नुस्खे अपना सकते हैं।

छाती में ठंड लगने के घरेलू उपाय-
नींबू और शहद का सिरप

नींबू का विटामिन सी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। नींबू सूजन को कम करने में भी मदद करता है। नींबू के रस का उपयोग करने के लिए आप इसे शहद के साथ मिलाकर एक सिरप बना सकते हैं। ये सिरप छाती की जकड़न से छुटकारा दिलवाने में मददगार है।

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काली मिर्च और गुड़ का काढ़ा
गुड़ खांसी और सीने में कंजेशन से राहत दिलाने में मददगार है। ये बलगम को पिघलाने और इसे शरीर से बाहर निकालने में मददगार है। इसके अलावा ये एंटीबैक्टीरियल भी है जो कि इंफेक्शन को कम करने में मददगार है। गुड़ का इस्तेमाल करने के लिए आप काली मिर्च को कूट कर गर्म पानी में उबाल लें। अब इसमें जीरा और गुड़ लें। अब इसका घोल बना कर पी लें।

मुलेठी की चाय पिएं
मुलेठी डिमलसेंट यानी कि बलगम को पिघलाने वाला है। ये छाती में गर्मी पैदा करता है और जलन और सूजन से राहत दिलाता है। यह बलगम को पतला करके और वायुमार्ग को आराम देकर छाती में कंजेशन से निपटने में मदद करता है। मुलेठी का इस्तेमाल करने के लिए आप हर्बल टी बना सकते हैं।

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अदरक और हल्दी का सेवन करें
अदरक एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो खांसी, सर्दी, ब्रोंकाइटिस और सांस की समस्याओं सहित विभिन्न बीमारियों में मदद करती है। तो हल्दी कंजेशन को तेजी से कम करने में कारगर है। ऐसे में आप अदरक और हल्दी दोनों का मिश्रण करके बलगम की समस्या को कम कर सकते हैं। आप हल्दी को तुलसी की पत्तियों के साथ पीस कर इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप हल्दी और अदरक से काढ़ा बना कर इसे पी सकते हैं।

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