समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज 28 जुलाई 2025, सोमवार का दिन है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। आज का दिन शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायक है। धार्मिक कार्यों, व्रत-पूजा और नए कार्यों की शुरुआत के…

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज 28 जुलाई 2025, सोमवार का दिन है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। आज का दिन शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायक है। धार्मिक कार्यों, व्रत-पूजा और नए कार्यों की शुरुआत के…
समाचार सच, हल्द्वानी डेस्क। अंग्रेजी कैलेंडर का आठवां महीना अगस्त शुरू होने वाला है। अगस्त 2025 में हिंदू महीने सावन और भाद्रपद दोनों के आधे-आधे हिस्से पड़ेंगे। जिससे अगस्घ्त में सावन और भाद्रपद मास के कई बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।…
समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। सनातन परंपरा में श्रावण मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाले हरियाली तीज त्योहार का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है। नागपंचमी से दो दिन पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को मुख्य…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक २६ जुलाई २०२५ शनिवार का पंचांग श्रीसंवत २०८२ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य दक्षिणायन वर्षाऋतु कर्कार्क ११ गते श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि शनिवार सूर्याेदय ५/३२ बजे सूर्यास्त ७/४ बजे राहु काल ९ बजे से…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक २४ जुलाई २०२५ बुधवार का पंचांग श्रीसंवत २०८२ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य दक्षिणायन वर्षाऋतु कर्कार्क ९ गते श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि बृहस्पतिवार सूर्याेदय ५/३१ बजे सूर्यास्त ७/५ बजे राहु काल १/३० से ३…
समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। रुद्राक्ष भगवान शिव के नेत्रों से गिरने वाले जल बूंदों से निर्मित हुआ है। देवीभागवत पुराण में बताया गया है कि रुद्राक्ष को सभी लोग धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष धारण करने वाले पर भगवान शिव…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। सावन का महीना अपने साथ आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का विशेष संग लेकर आता है। जहां एक ओर शिव भक्ति चरम पर होती हैए वहीं दूसरी ओर इसी माह में आने वाली एकादशी तिथि भी आत्मिक…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक १९ जुलाई २०२५ शनिवार का पंचांग श्रीसंवत २०८२ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य दक्षिणायन वर्षाऋतु कर्कार्क ४ गते श्रावण कृष्ण पक्ष नवमी तिथि शनिवार सूर्याेदय ५/२८ बजे सूर्यास्त ७/७ बजे राहु काल ९ बजे से…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। श्रावण मास में शिवलिंग पर जल और विष चढ़ाने का धार्मिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह परंपरा केवल आस्था नहीं, बल्कि गहरे प्रतीकों और कहानियों से जुड़ी है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं। पौराणिक…