सीओ सिटी नैनीताल ने स्कूली बच्चों को यातायात नियमों, साइबर अपराधो एवं नशे के दुष्परिणामों के बारे किया जागरूक

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समाचार सच, हल्द्वानी। जनपद नैनीताल पुलिस द्वारा विशेषकर अध्ययनरत नाबालिग स्कूली बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक, नशे के दुष्परिणाम एवं अन्य कानूनी अधिकारो के प्रति जन जागरूकता अभियान चला रही है। इसी क्रम में श्रीमती विभा दीक्षित क्षेत्राधिकारी नगर नैनीताल एवं रोहताश सिंह सागर थानाध्यक्ष तल्लीताल द्वारा तल्लीताल थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज तल्लीताल नैनीताल मैं जाकर अध्ययनरत स्कूली छात्रों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हुए बताया गया कि नाबालिक द्वारा बिना लाइसेंस दोपहिया या चौपहिया वाहन चलाए जाने की स्थिति में ना सिर्फ चालानी कार्यवाही बल्कि उनके अभिभावकों के विरुद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

इसीलिए नवयुवकों को 18 साल की उम्र पूर्ण करने अथवा आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस बन जाने तक उन्हें किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रिकल अथवा डीजल/पेट्रोल संचालित वाहनों को नहीं चलाना चाहिए अन्यथा उनके विरुद्ध कम से कम 25000 रुपए की चालानी कार्यवाही के साथ-साथ उनके अभिभावकों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।

श्रीमती विभा दीक्षित, क्षेत्राधिकारी नगर नैनीताल द्वारा अध्ययनरत स्कूली छात्रों को यह जानकारी ना सिर्फ उन्हें बतौर पुलिस अधिकारी के रूप में दी गई बल्कि एक कुशल अध्यापिका के रूप में भी उन्हें जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त रोहताश सिंह सागर थानाध्यक्ष तल्लीताल द्वारा स्कूली छात्रों को वर्तमान समय में प्रचलित सामाजिक बुराइयों नशीले मादक पदार्थों (चरस,गांजा, स्मैक, अफीम, शराब, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू, गुटखा) इत्यादि के दुष्परिणाम के बारे में जागरूक करते हुए बताया गया कि आप नवयुवक भावी भविष्य की नीव हो यदि हमारी युवा पीढ़ी नशे के गर्त में चली गई तो एक नशामुक्त कुशल समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती अतः हमें किसी भी प्रकार के नशीले मादक पदार्थों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि नशा करने वाला व्यक्ति ना सिर्फ स्वयं बल्कि अपने पारिवारिक सदस्यों एवं समाज के लिए भी नुकसान दायक है।
इसके साथ ही स्कूली बच्चों को बताया गया कि यदि उनके आसपास कोई व्यक्ति नशीले मादक पदार्थों स्मैक, चरस, गांजा, अफीम) इत्यादि का सेवन अथवा क्रय-विक्रय करता है तो वह स्वयं भी नैनीताल पुलिस द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 7519051905 या 9719291929 पर गोपनीय रूप से शिकायत कर सकते हैं।
पुलिस द्वारा अपने वक्तव्य में स्कूली बच्चों को साइबर अपराधों के संबंध में भी जागरूक करते हुए बताया गया कि वर्तमान समय में साइबर अपराधी किस प्रकार मोबाइल फोन के जरिए बैंक अकाउंट को पलक झपकते ही खाली कर जाते हैं जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
अतः साइबर अपराधों से बचने के लिए सर्वप्रथम साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है उन्हें बताया गया कि हमें किसी प्रकार की अनजान वीडियो कॉल को रिसीव, अनचाहे मोबाइल लिंक, फोटो, वीडियो को क्लिक एवम असुरक्षित मोबाइल ऐप को डाउनलोड नही करना चाहिए। अलावा किसी भी स्थिति में आपके मोबाइल फोन पर आए ओपीटी को किसी के साथ भी शेयर नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
जागरूकता के दौरान छात्रों को बताया गया कि यदि उनके साथ या उनके परिवार एवं आसपास समाज में किसी व्यक्ति के साथ यदि साइबर अपराध हो जाता है तो तत्काल अथवा 24 घंटो के अंतराल में ही सर्वप्रथम राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज कराएं उसके पश्चात साइबर क्राइम बेवसाइट पर जाकर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड करें।
इसके साथ ही नैनीताल पुलिस द्वारा साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु जारी हेल्पलाइन नंबर 81712 00003 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
स्कूली बच्चों को उत्तराखंड पुलिस ऐप के अंतर्गत आने वाली विभिन्न ऑनलाइन सेवाओ पर भी अपराधों की त्वरित शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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